भारत की आजादी में 10 मई 1857 का दिन है मील का पत्थर :- बिजेन्द्र गुप्ता

देवबंद : भारत की आजादी में 10 मई 1857 का दिन है मील का पत्थर :- बिजेन्द्र गुप्ता

✍रिर्पोट :- गौरव सिंघल,जिला प्रभारी -न्यूज एवीपी,जनपद सहारनपुर, उप्र:।

देवबंद (न्यूज एवीपी)। भारत की आजादी के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम दिवस 10 मई सन् 1857 की वर्षगांठ के अवसर पर मां श्री त्रिपुर बाला सुन्दरी देवी मेला मैदान स्थित शहीद स्मारक पर आजादी का प्रथम बिगुल बजाने वाले देश के वीर योद्धाओं, आजादी के मतवालो को शत-शत नमन कर पुष्प के साथ श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए भाजपा नेत्री श्रीमति शुभलेश शर्मा, श्रीमति पूनम कौशिक व श्रीमति स्नेहा टंडन ने कहा कि अंग्रेज अफसरों द्वारा सैनिको को गाय और सुअर की चर्बी युक्त कारतूस इस्तेमाल के करने के विरूद्ध भारतीय सैनिको में धीरे धीरे रोष पनपने लगा था। जो 10 मई सन् 1857 को ज्वाला बनकर फूटा। मेरठ की ऐतिहासिक धरती इस क्रान्ति की गवाह बनी। भारतीय सैनिक अंग्रेज सरकार के विरूद्ध विद्रोह कर सडकों पर उतर आये और अंग्रेज अफसरो को मारकर उनके आवासो में आग लगाकर सरकारी कार्यालय पर आजादी का भारतीय ध्वज लहरा दिया। कुछ ही देर में आजादी की यह चिंगारी ज्वाला बनकर मेरठ से सहारनपुर, मुज्जफरनगर सहित पूरे भारत में फैल गई। जो भारत की आजादी के लिये मील का पत्थर साबित हुई। भाजपा नेता बिजेन्द्र गुप्ता व आशु शर्मा ने देश के अमर शहीदो को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि अंग्रेज सरकार ने इस विद्रोह को दबाने के लिये दमन चक्र चलाया और अनेक भारतीयों को फांसी पर लटका दिया तथा देश के अनेको वीर सपूतो को घोर यातनाएं दी तथा सैनिको का सामूहिक कोर्ट मार्शल किया। इसके बावजूद भी आजादी के मतवाले अंग्रेजो के जुल्म और दमन के आगे झुके नहीं। देवबंद दारूल उलूम के मौलानाओ व क्षेत्र के अन्य बहुत से बहादुरो के नेतृत्व में हिन्दू व मुसलमानो ने अंग्रेजो के दमन व जुल्म का डटकर मुकाबला किया तथा उन्हें नाको चले चबाने पर मजबूर कर दिया। देवबन्द क्षेत्र के कई गांवो में तथा सहारनपुर में अंग्रेजो द्वारा दी गई फांसी के गवाह पेड व स्थल आज भी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की लडाई की गवाही दे रहे है। आज हम जिस आजाद भारत में सुकून की सांस ले रहे है उसकी आजादी के लिये प्रथम बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा और हमेशा उनका ऋणी रहेगा। देश के इन वीर सपूतों के अमर बलिदान से ही हमें आजादी मिली। उन्होंने हमारे राष्ट्र के कल्याण के लिए अपने जीवन का बलिदान किया है। हम सबको अपने वीर सपूतों के बलिदान को याद कर देश के अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता, शहीदों का सम्मान कर हमेशा उनका स्मरण करते रहना होगा।