किशोरियों की नेतृत्व क्षमता,लैंगिक समानता, एवं उनके अधिकारो पर एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न

जनपद बलिया अपडेट

*किशोरियों की नेतृत्व क्षमता,लैंगिक समानता, एवं उनके अधिकारो पर एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न*

यूनिसेफ़ द्वारा सहायतित एवं एक्शनएड द्वारा संचालित नई पहल बाल संरक्षण परियोजना के अंतर्गत जनपद बलिया के ब्लॉक गडवार, चिलकहर में किशोरी सशक्तिकरण को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

जिसके अंतर्गत किशोरियों को जीवन कौशल, नेतृत्व क्षमता, लैगिंग समानता, कौशल विकास, नारीवाद , किशोरी सशक्तिकरण,आत्मनिर्भर व उनके अधिकारों पर जागरूक किया गया। जिला समन्वयक़ मोहम्मद एजाज ने बताया कि नई पहल बाल संरक्षण परियोजना के अंतर्गत ब्लॉक गढ़वाल में 25 ग्राम पंचायत में किशोरी/किशोर समूहों का गठन करना,लीडरशिप क्षमता बढ़ाना और उन्हें सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देना है ।

परियोजना के अंतर्गत बाल सभा का गठन कर बाल मैत्रिक ग्राम पचांयत का निर्माण करने हेतु ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रबंधन समिति, अभिवावकों को किशोरियों के माध्यम से जागरूक किया जाए । इसी क्रम में बच्चों का चिन्हीकरण कर उन्हें विद्यालय से जोड़ने एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिलाने के लिए संस्था लगातार जिला प्रशासन के सहयोग से कार्य कर रही है ताकि प्रत्येक गांव बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल तस्करी से मुक्त हो सके ।

महिला कल्याण अधिकारी श्रीमती पूजा जी सर्वप्रथम सभी किशोरियों का परिचय जाना, एवं किशोरी सशक्तिकरण, नेतृत्व क्षमता, लैगिंग समानता, नारीवाद, कौशल विकास,जेजे एक्ट , पोक्सो एक्ट एवं किशोरियों के अधिकार एवं जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे स्पॉंशरशिप स्कीम,बाल सेवा योजना,कन्या सुमंगला योजना,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर बात की एवं महिला एवं किशोरियों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन पर प्रकाश डाला। किशोरी समूह की किशोरी अंजली पांडेय,अंकिता पांडेय़,सपना सिंह,अंकिता सिंह,राजन प्रजापति,पूजा गुप्ता ने किशोरियों की जीवन शैली,नेतृत्व क्षमता,लैंगिक समानता,किशोरी सशक्तीकरण,एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी बातों को रखा एवं सभी किशोरियों को अपने समुदाय में अपने घरों में सभी को लड़के एवं लड़कियों में भेदभाव न करने के लिए जागरूक किया जाएगा सभी किशोरियों ने अपना सुझाव व्यक्ति किया .इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को सशक्त कर उनके सहयोग से बाल श्रम, बाल विवाह बाल तस्करी पर अंकुश लगाने एवं किशोरी लीडरशिप को बढ़ावा देना और किशोरियों की क्षमता वृद्धि करना है