अफसरानों के निर्देश थानेदारों में बेअसर अपराध समीक्षा बैठक में भले ही पुलिस के उच्चाधिकारी थानेदारों को सख्त निर्देश देते की थाने और चौकी आने वाले फरियादियों से नम्रता से पेश आए और कार्यवाही करे।

अफसरानों के निर्देश थानेदारों में बेअसर अपराध समीक्षा बैठक में भले ही पुलिस के उच्चाधिकारी थानेदारों को सख्त निर्देश देते की थाने और चौकी आने वाले फरियादियों से नम्रता से पेश आए और कार्यवाही करे। अफसरों के निर्देश इन थाने के जिम्मेदारों पर बेअसर है। ऐसा एक मामला बदौसा और अतर्रा थाने का है जहा पीड़िता रूबी और दोनो भाईयो की पुकार सुनने की बजाए बीस हजार रूपए की दरोगा ने फरमाइश की असमर्थता जताई तो दुत्कार के बाहर कर दिया फरियादियों ने एसपी को अर्जी दे न्याय की गुजारिश की है। इससे सरकार की छवि धूमिल करने में थाने के जिम्मेदार जुटे है। ऐसा एक मामला अतर्रा थाने के अत्री नगर का है। आयुर्वेदिक कालेज के सामने रहने वाली रूबी का गांव तुर्रा है। थाने से पीड़िता को अनसुना किया तो पुलिस कप्तान से न्याय की गुहार लगाई। रूबी ने बताया की छोटा भाई टीटू तुर्रा पुल से रात करीब सवा दस बजे बाइक से आ रहा था तभी अरिमरदान सिंह उर्फ रज्जू के इशारे में संजय, संखू,राजवीर सिंह, छोटू और मुन्ना यादव ने जान लेवा हमला किया लहूलुहान हालत में भागकर जान बचाई है। मुकामी पुलिस अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले दबंगों की संरक्षणदाता बनी हुई है। पुलिस अधीक्षक से गुजारिश की है की हमलावरों के खिलाफ एफआईआर और दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कठोर ‌कार्यवाही की जाए। जिससे की खाकी वालो को करारी कार्यवाही सबक मिले किसी दूसरी बेटी के साथ पुलिसिया संरक्षण में अन्याय नहीं हो सके।

*न्यूज़ ए वी पी से मंडल ब्यूरो चीफ माया तिवारी बांदा*