गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने प्रशासन पर मिलीभगत कर उनकी करोड़ों की जमीन को 47 लाख में आवंटित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है

देवबंद : गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने प्रशासन पर मिलीभगत कर उनकी करोड़ों की जमीन को 47 लाख में आवंटित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है

 

पत्रकारों से बातचीत में सेठ कुलदीप कुमार ने दी इस संबंध में जानकारी

 

✍रिर्पोट :- गौरव सिंघल,ब्यूरो -न्यूज एवीपी,जनपद सहारनपुर, उप्र:।

 

देवबंद (न्यूज एवीपी ब्यूरो)। प्रशासन द्वारा इण्डस्ट्रियल स्टेट में जिला उद्योग केंद्र की भूमि को नियमों को ताक पर रखकर एक परिवार को आवंटित करने का मामला प्रकाश में आया है। पूर्व में जमीन के मालिक रहे नगर के प्रमुख समाजसेवी व गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने प्रशासन पर मिलीभगत कर उनकी करोड़ों की जमीन को 47 लाख में आवंटित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। देवबंद की लाजपत नगर कालोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए नगर के प्रमुख समाजसेवी सेठ कुलदीप कुमार ने बताया कि उनके स्वर्गीय पिता सेठ मेलाराम की इंडस्ट्रियल स्टेट में स्थित 2 बीघा 5 बिस्से लगभग 4500 वर्ग मीटर भूमि को प्रशासन द्वारा सरकारी कार्य में इस्तेमाल के लिए सन् 1952 में अधिग्रहित किया गया था। उस जमीन का कोई मुआवजा भी नही दिया गया था। अधिग्रहित जमीन के आधे भाग में जिला उद्योग केंद्र का आफिस व आधे में प्रोजेक्ट अफसर की कोठी बनाई गई थी। सन् 1975 को इस भूमि पर निर्मित सभी आवास एवं कार्यालय जिला उद्योग केंद्र सहारनपुर में स्थानांतरित हो जाने के कारण बीते 46 वर्षों में जमीन पर हुआ निर्माण खंडहर बन चुका था। उन्होंने बताया कि सन् 2018 में उन्होंने उपरोक्त भूमि को प्राथमिकता के आधार पर आवंटन के लिए उपायुक्त उद्योग को पत्र दिया। लेकिन सुनवाई न होने पर मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की। जिससे नाराज होकर उपायुक्त ने द्वेषपूर्ण भावना एवं निजी स्वार्थ से प्रेरित होकर उच्चाधिकारियों को गुमराह करके नगर के एक व्यापारी से सांठ-गांठ करके प्लाट का आधा भाग 1900 वर्ग मीटर व्यापारी के दो पुत्र, एक पुत्रवधु व एक कर्मचारी को जुलाई 2021 को आवंटित कर दिए व शीघ्र ही अगस्त 2021 को 2520 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लीजडीड भी पंजीकृत कराते हुए उनकी करोड़ों की भूमि मात्र 47 लाख रूपये में दे दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से घोटाला करके दी गई भूमि का आवंटन रद्द करने व उन्हें भूमि वापिस दिलाने की मांग की है।