यज्ञ और योग भारतीय संस्कृति के मूलभूत आधार हैं। यज्ञ के द्वारा पर्यावरण शुद्ध होता है तथा बच्चों में उच्च कोटि के संस्कारों का विकास होता है
यज्ञ और योग भारतीय संस्कृति के मूलभूत आधार हैं। यज्ञ के द्वारा पर्यावरण शुद्ध होता है तथा बच्चों में उच्च कोटि के संस्कारों का विकास होता है । इसी प्रकार नियमित योग अभ्यास से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है।
उक्त विचार भारतीय योग संस्थान के निशुल्क योग साधना केंद्र ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल मुजफ्फरनगर में यज्ञ के ब्रह्मा योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि आज मुजफ्फरनगर में प्रदूषण का स्तर 387 तक पहुंच गया है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। यदि प्राचीन काल के अनुसार प्रत्येक घर में यज्ञ किया जाए तो वायुमंडल एकदम शुद्ध और स्वच्छ हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है कि एक तोला देसी गाय के घी से 1 टन ऑक्सीजन गैस पैदा होती है और जिस घर में प्रतिदिन यज्ञ होता है उस घर के 96 प्रतिशत बीमारी के कीटाणु समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अपने बच्चों के जन्मदिन यज्ञ के द्वारा ही मनाए जाने चाहिए। यज्ञ हमारी भारतीय संस्कृति की धरोहर है। केक काटना और दीपक बुझवाना पाश्चात्य संस्कृति की देन है। जन्मदिन पर बच्चों को बडो़ का सम्मान करना, उनका आदर करना, मेहनत करना, सत्य बोलना,दान देना, सहनशीलता, दया, करूणा, देशभक्ति आदि मानवीय गुणों की प्रेरणा देनी चाहिए।
इसी कड़ी में आज ग्रीनलैंड स्कूल के योग ट्रेनर अंकुर मान के जन्मदिन पर वैदिक मंत्रों से यज्ञ किया गया, जिसमें काफी संख्या में नगर के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर जीत सिंह तोमर ,पूर्व सचिव जिला बार संघ मुजफ्फरनगर अरुण शर्मा एडवोकेट ,अशोक शर्मा एडवोकेट, यशपाल ,वीर सिंह, आचार्य रामकिशन सुमन, कविन्द्र बालियान, जिला प्रधान राज सिंह पुण्डीर, राजीव रघुवंशी, रजनी मलिक, मुनेश देवी, नीलम राठी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहें। अंत में प्रसाद वितरण और शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।