इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन,मुजफ्फरनगर चैप्टर,लघु उद्योग भारती व फेडरेशन द्वारा संयुक्त रुप से एक बैठक “वस्तु एवं सेवा कर”पर आ रही समस्याओं के समाधान हेतु

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन,मुजफ्फरनगर चैप्टर,लघु उद्योग भारती व फेडरेशन द्वारा संयुक्त रुप से एक बैठक “वस्तु एवं सेवा कर”पर आ रही समस्याओं के समाधान हेतु आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सत्यपाल सिंह अपर आयुक्त (ग्रेड- प्रथम) सहारनपुर व विशिष्ट अतिथि राकेश कुमार यादव ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक व कॉर्पोरेट) व शरद शुक्ला ज्वाइंट कमिश्नर, एस.आई.बी. उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को संयुक्त रुप से विपुल भटनागर, अनुपम गुप्ता, रजनीश कुमार, राजेश जैन ने बुके देकर किया गया।

 

लघु उद्योग भारती के जिला महासचिव जगमोहन गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के समय ट्रांस-1 दाखिल किए गए थे जो कि विभागीय गलती के कारण कंप्यूटर में परिलक्षित नहीं हो रहे हैं ऐसी स्थिति में लंबित मामलों का निस्तारण जिला स्तर पर किया जाना चाहिए।

फेडरेशन के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि सेल टैक्स से लेकर जीएसटी तक हम पहुंच गए सरलीकरण की बात होती थी परंतु जटिलताएं इतनी ज्यादा बढ़ गई की बिना प्रोफेशनल के हम कोई भी कार्य नहीं कर पाते। डिजिटल सिग्नेचर का खर्चा इतना है जितना कि वेट में पूरे साल हुआ करता था।

लघु उद्योग भारती के मंडलीय अध्यक्ष अनुपम गुप्ता ने कहा कि सरकार की मंशा उद्यमी व व्यापारियों को अपना व्यापार चलाने में सरलता प्रदान करना है इसी कारण लगातार हमारी मांगों पर एक्ट में बदलाव किए जा रहे हैं, परंतु अभी इसमें ओर सुधार की आवश्यकता है।

प्रदेश संयोजक लघु उद्योग प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश संयोजक कुश पुरी ने कहा कि इतना सरलीकरण होने के बाद भी उद्यमी के मन में एक भय बना रहता है विभाग को उपयुक्त माहौल बनाने व उद्यमी पर विश्वास बनाने की आवश्यकता है। देश में सात करोड से अधिक एमएसएमई है जो कि देश की जीडीपी में 12 प्रतिशत से अधिक योगदान करती है। पाच ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए इनको बढ़ावा देना अति आवश्यक है ।

आईआईए नेशनल इलेक्ट्रिसिटी कमेटी के सदस्य अश्वनी खंडेलवाल ने कहा कि यदि उद्यमी द्वारा उपयुक्त दस्तावेजों के साथ खरीद की जाती है व उसका भुगतान भी वैधानिक तरीके से किया जाता है उसके सभी साक्ष्य भी है,ऐसी परिस्थिति में विक्रेता द्वारा किए गए किसी भी गलती के कारण क्रेता के जीएसटी को ब्लॉक किया जाना न्याय संगत नहीं है। कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा भी इस प्रकार के मामलों में कहा गया है कि विक्रेता द्वारा उचित साक्ष्य के साथ टैक्स का भुगतान किया गया है तो उसका इनपुट क्रेडिट रोका नहीं जा सकता।

आईआईए चैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर ने कहा कि विक्रेता के डिफाल्ट पर क्रेता के जीएसटी को ब्लॉक किए जाने की समस्या आईआईए लगातार विभिन्न मंचों से उठा चुका है परंतु इसका समाधान आज तक क्यों नहीं हो पाया ये यक्ष प्रश्न है। उन्होंने सदस्यों की विभिन्न समस्याओं को संकलित करते हुए एक 9 सूत्रीय ज्ञापन मुख्य अतिथि अपर आयुक्त को सौंपते हुए कहा कि नीतिगत फैसलों के लिए आप हमारी समस्याओं को सक्षम अधिकारियों तक पहुंचाएंगे व विभागीय समस्याओं का शीघ्र समाधान आपसे अपेक्षित है। हालांकि जीएसटी आने के बाद उद्यमियों को बहुत राहत मिली है परंतु आज हम डिजिटल व मोबाइल फ्रेंडली होने के बाद भी जीएसटी के पोर्टल को स्वयं खोल भी ले तो उसकी जटिलताओं को समझ नहीं पाते। विपुल भटनागर ने कहा कि संवाद से बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है आज की बैठक इस कड़ी में एक सार्थक पहल है।

मुख्य अतिथि ने कहा कि मुझे आज इतने सारे उद्यमियों के बीच आकर आपकी समस्याओं को जानने अवसर मिला आपकी जो भी समस्याएं हैं इनका निस्तारण कराने का शीघ्र प्रयास करूंगा। किसी भी समस्याओं के लिए मैं सदैव आपके साथ हूं मेरे संज्ञान में जो भी बात लाई जाएगी उसका यथाशीघ्र समाधान करूंगा व आज की बैठक के बाद विभागीय स्तर पर भी आपको अपेक्षित सहयोग मिलेगा।

कार्यक्रम का संचालन आईआईए सचिव मनीष भाटिया ने किया। व बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों व उद्यमियों का आभार व्यक्त किया।

बैठक में सर्वश्री पवन गोयल, पंकज जैन,सुधीर गोयल, रविंद्र सिंगल, नवीन अग्रवाल, अमित जैन, नवनीत गोयल एडवोकेट, विजेंद्र सिंह डिप्टी कमिश्नर, एके श्रीवास्तव डिप्टी कमिश्नर, सत्येंद्र कुमार यादव डिप्टी कमिश्नर, संदीप जैन पंकज जैन, मनीष अग्रवाल, अरविंद गुप्ता, यशपाल सिंह, कपिल मित्तल, अंकुर गर्ग, शमित अग्रवाल, सीए अंकित मित्तल, अतुल अग्रवाल, शरद जैन, अजय अग्रवाल एडवोकेट,सीए अतुल अग्रवाल ,राजेश जैन, गिरीश अरोरा,यशपाल सिंह, तुषार जैन, पियूष गर्ग, नईम चांद आदि अनेकों उद्यमी उपस्थित रहे।