आचमन द्वारा बदायूँ में शुद्ध साहित्यिक कवि सम्मेलन में बही काव्य के समस्त रसों का धारा में देर रात तक श्रोताओं ने लिया आंनद

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बदायूं
ब्यूरो रिपोर्ट

आचमन द्वारा बदायूँ में शुद्ध साहित्यिक कवि सम्मेलन में बही काव्य के समस्त रसों का धारा
में देर रात तक श्रोताओं ने लिया आंनद

आचमन फाउंडेशन द्वारा बदायूँ क्लब में आयोजित इस काव्य समारोह में देश के दिग्गज कवि जुटे,
प्रख्यात कवि यश मालवीय को इस वर्ष का आचमन सम्मान एवं डॉ सोनरूपा विशाल की नयी पुस्तक का हुआ भव्य लोकार्पण
अंत तक विधायक एवं भाजपा जिलाध्यक्ष ने कवियों की कविताओं का लिया आनंद

बदायूं ८ अप्रैल। आचमन फाउंडेशन द्वारा कल बदायूं क्लब में संस्था चतुर्थ कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे देर रात तक श्रोताओं ने देश के प्रख्यात कवियों की विभिन्न रसों की कविताओं का भरपूर आनंद लिया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ नगर विधायक श्री महेश चंद्र गुप्ता, विधायक दातागंज श्री राजीव कुमार सिंह, विधायक बिल्सी श्री हरीश शाक्य, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राजीव कुमार गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार सिंह, राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री विशाल, पुलिस अधीक्षक नगर श्री अमित किशोर श्रीवास्तव, रूहेलखंड विश्वविधालय के कुलसचिव श्री संजीव कुमार सिंह, द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। सभी अतिथियों अतिथियों का स्वागत आचमन संस्था के संस्थापक युगल कवयित्री डॉ सोनरूपा विशाल एवं प्रसिद्ध व्यवसायी श्री विशाल रस्तोगी ने पटका पहना कर, पुष्प गुच्छ एवं आचमन का विशेष प्रतीक प्रदान कर किया, इस अवसर पर आयोजन के सम्मान सत्र में चतुर्थ ‘आचमन सम्मान’ विख्यात वरिष्ठ कवि इलाहाबाद से आये श्री यश मालवीय को प्रदान किया गया।तदुपरान्त आचमन फाउंडेशन की संस्थापक कवयित्री डॉ. सोनरूपा विशाल के ग़ज़ल संग्रह ‘सपनों से जब निकले हम’ का सभी साहित्कारों द्वारा संयुक्त रूप से लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर आचमन फाउंडेशन की स्थापना और मंतव्यों को लखनऊ से विशेष तौर पर इस कार्यक्रम में आये प्रख्यात कवि डॉ. सर्वेश अस्थाना ने प्रकाश डाला।
सम्मान समारोह के बाद एक शानदार कविसम्मेलन का आग़ाज़ हुआ। चतुर्थ आचमन सम्मान से सम्मानित गीतकार श्री यश मालवीय जी की अध्यक्षता में एवं डॉ. सोनरूपा के संचालन में हाथरस से पधारे प्रसिद्ध गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना,ग्वालियर से शायर मदन मोहन दानिश,लखीमपुर खीरी से ओज कवि श्री आशीष ‘अनल’,भोपाल् से युवा कवयित्री शिवांगी प्रेरणा,बिसौली से शायर श्रीदत्त शर्मा,गया बिहार से कवयित्री सान्या राय एवं बाराबंकी से हास्य कवि विकास बौखल ने अपनी अविस्मरणीय प्रस्तुति से आयोजन को सार्थकता प्रदान की। कवियों की ज़ोरदार प्रस्तुति ने श्रोताओं को दाद पर दाद देने के लिए मजबूर कर दिया।
बिहार से आयीं सान्या राय ने अपने गहन गीतों और पुष्ट छन्दों से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई –
लगाकर आग आशा की पुनः उसको बुझाने का।
कहो जिम्मा लिया है क्या हमारा दिल दुखाने का?
कोई जादू ,कोई टोना, या कोई यज्ञ, या पूजा,
कोई तो रास्ता होगा ना तुमको भूल जाने का?
बाराबंकी से आये विकास बौखल अपने चुटीले अंदाज़ और गुदगुदाने वाली हास्य कविताओं की अद्भुत प्रस्तुति देने के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने कहा-
किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए।
सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए।
ये किसी शख्स को दोबारा ना मिलने पाए,
प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए।
लखीमपुर के आशीष अनल ने अपनी ओजस्वी वाणी से कवि सम्मेलन में देशभक्ति की धारा प्रवाहित कर दी।उन्होंने कहा-
ये तिरंगा द्रोपदी का चीर नहीं है
ये किसीके बाप की जागीर नहीं है
बदायूं के शायर श्री दत्त शर्मा अपने सादा और सच्चे कहन के लिए जाने जाते हैं।उन्हें ख़ूब मन से सुना गया। उन्होंने कहा-
आप चाहें तो रो नहीं पाएं।
आशिक़ी का यही तो रोना है।।
भोपाल की युवा कवयित्री शिवांगी प्रेरणा के शानदार गीतों और मुक्तकों को श्रोताओं ने ख़ूब पसंद किया।उन्होंने कहा –
आज हृदय अंबर में मेरे उदय हुआ है गीत
ओ! मेरे मनमीत
सुन! मेरे मनमीत
भोपाल के संजीदा शायर मदन मोहन दानिश साहित्य में अपनी शाईस्ता शायरी के हवाले से जाने जाते हैं।उनके हर शेर को श्रोताओं की वाह वाही मिली।उन्होंने कहा-
ख़ामशी को मेरी दुआ समझो
और जो बोल दूँ हुआ समझो
सूखे पेड़ों पे जब तलक हैं परिंद
उनको अंदर से तुम हरा समझो
आयोजन की संयोजक डॉ. सोनरूपा विशाल ने कहा
सपनों से जब निकले हम
सम्भले जैसे तैसे हम
दर्द मिला था काँटों से
पहले थे फूलों से हम
प्रख्यात कवि डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपने चिर परिचित अंदाज़ से सबका ह्रदय जीत लिया। श्रृंगार के गीतों और मुक्तकों की लड़ी ने श्रोताओं को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया।श्रोताओं की माँग पर उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया।
उन्होंने कहा-
जो हाथ थाम लो वो फिर न छूटने पाये,
प्यार की दौलतें कोई न लूटने पाये,
जब भी छूलो बुलंदियां तो ध्यान ये रखना
ज़मीं से पाँव का रिश्ता न टूटने पाये,
अंत में जब श्री यश मालवीय जी ने माइक हाथ में लिया तो पूरा वातावरण सुगंधित हो गया।उनके गीतों एवं कविताओं ने समारोह को पूर्णता प्रदान की।
हाल में ही रिलीज़ फिल्म के उनके गीत की दो पंक्तियाँ भी उन्होंने सुनायीं –
खिला खिल चेहरा है
दिल की उम्मीद का
चार चांद लगा गया
एक चांद ईद का

कवियों की एक से बढ़कर एक कविताओं का कार्यक्रम के अंत तक विधायक दातागंज श्री राजीव कुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री राजीव कुमार गुप्ता,राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक श्री विशाल ने आनंद लिया। इस अवसर पर आयोजन में भाजपा महामंत्री श्री शारदाकान्त, दीपमाला गोयल, अशोक भारती, गौरव गुप्ता गोल्डी, मंजुल शंखधार, डॉ. उपदेश शंखधार, सुभाष अग्रवाल, अनूप रस्तोगी, नितिन गुप्ता, शोभित वैश्य, शलभ वैश्य, दिवम विशाल, नितिन अग्रवाल, विष्णु गुप्ता, डॉ सी के जैन, डॉ. तन्मय रस्तोगी, डॉ. आशीर्वाद वशिष्ठ, कवि नरेंद्र गरल, डॉ. राम बहादुर व्यथित, कुलदीप अंगार, डॉ. कमला माहेश्वरी, अंजलि शर्मा, अंजू शर्मा, डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी, डॉ. गायत्री प्रियदर्शनी, मधु राकेश, अभिषेक अनंत, अखिलेश ठाकुर, सरिता सिंह, रवींद्र मोहन सक्सेना, डॉ. अजीत पाल सिंह, सुधांशु शर्मा, हितेंद्र शंखधार, विजय मिश्रा, संजय आर्य, महाराज सिंह, राहुल चौबे, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। आयोजन का सम्मान सत्र का सञ्चालन डॉ. अक्षत अशेष ने किया एवं कवि सम्मेलन का सञ्चालन डॉ. सोनरूपा विशाल ने किया।

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