अवध महोत्सव में रूप कुमार राठौर ने सुनाया “संदेशे आते हैं” – रूप कुमार राठौर-सोनाली राठौर के गजल गायन के साथ विदा हुआ अवध महोत्सव
लखनऊ ब्यूरो रिपोर्ट
अवध महोत्सव में रूप कुमार राठौर ने सुनाया “संदेशे आते हैं”
– रूप कुमार राठौर-सोनाली राठौर के गजल गायन के साथ विदा हुआ अवध महोत्सव
लखनऊ, । उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और संगीत नाटक अकादमी-संस्कृति विभाग, उ.प्र. की ओर से रामोत्सव के अन्तर्गत आयोजित “अवध महोत्सव” ने शुक्रवार 5 अप्रैल को सुरमयी विदाई ले ली। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के गोमतीनगर स्थित परिसर में 1 अप्रैल से इसका भव्य आयोजन किया गया। कला, संस्कृति और विरासत के इस महासंगम में गायन और नृत्य प्रस्तुतियों के साथ ही रंगोली और पतंगबाजी, अवधी परिधान, शतरंज प्रतियोगिता के साथ ही इक्का-तांगा दौड़, हेरिटेज वॉक, पुतुल नाट्य उत्सव, किस्सागोई और अवधी व्यंजन मेले का भी आगंतुकों ने भरपूर लुत्फ उठाया। अवध महोत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार 5 अप्रैल को लखनऊ के डॉ. पवन कुमार का वाद्य वृंद, लखनऊ के शिवम मिश्रा का गायन, मथुरा की वंदना की लोक प्रस्तुति ब्रज के रंग, मुम्बई के रूप कुमार राठौर-सोनाली राठौर का गजल गायन आकर्षण का केन्द्र बना, वहीं अयोध्या से आमंत्रित लोक कलाकार संगीता आहूजा और उनके साथियों ने अवधी लोक नृत्य पेश कर आगंतुकों का स्वागत किया।
अवध महोत्सव के पांचवें दिन शुक्रवार 5 अप्रैल को मुख्य अतिथि यूपी इको टूरिज्म के निदेशक प्रखर मिश्रा और विशिष्ट अतिथि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने अवध महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग एवं निदेशक जनजाति विकास डॉ. हरिओम, उप निदेशक संस्कृति अमित कुमार अग्निहोत्री, ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार सहित कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे। आयोजन में इतिहासकार रवि भट्ट का भी अभिनंदन किया गया।
अलका निवेदन के संचालन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में संध्या कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी की प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने मधुर वाद्य-वृंद पेश कर प्रशंसा हासिल की। तबला वादक डॉ. पवन कुमार के निर्देशन में वाद्ययंत्रों का अद्भुत समागम देखने को मिला। इस प्रस्तुति में तबले पर डॉ. पवन कुमार ने जहां प्रस्तुति का नेतृत्व किया, वहीं तबले पर आर्यमन, बांसुरी पर अथर्व प्रताप सिंह, सितार पर संकल्प मिश्रा, पखावज पर वैभव रामदास, ढोलक पर अमित विश्वकर्मा ने प्रभावी तालमेल प्रस्तुत किया। इसमें विभा सिंह और डॉ नवीन मिश्रा का सहयोग रहा। कलाकारों ने राग किरवानी तीन ताल में अलाप जोड़ झाला, टुकड़े, परन तिहाई की प्रस्तुति दी।
लखनऊ के शिवम मिश्रा का गायन भी खासा सराहा गया। उन्होंने “तेरी दीवानी”, “ना जाने कोई”, “छू लेने दो नाजुक होठों को”, “ए दिल है मुश्किल”, “सइयो नी”, “बुल्लेया”, “पागल पागल”, “सांसों की माला”, “रमता जोगी”, जैसे कई लोकप्रिय तराने सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। उनके फ्रेंडशिप बैंड के साथी कलाकारों में गायक श्रेया, ड्रम वादक दीपांशु, गिटार वादक तालिब, बेस गिटार वादक देवाशीष के साथ योगेश, अंकित भी शामिल रहे। यह दल कलर टीवी पर प्रसारित राइजिंग स्टार सीजन टू के टॉप 15 में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है।
मथुरा वृंदावन की विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार वंदनाश्री की लोक प्रस्तुति ब्रज के रंग ने सतरंगी ब्रज लोक संस्कृति और अध्यात्म के संगम को बखूबी पेश किया। “तेरा किसने किया शृंगार सांवरे” से उन्होंने लीला प्रारंभ की। उन्होंने बरसाना के “मोर कुटी पर मोर बन आये भगवान” पर सुंदर मयूर नृत्य पेश किया गया। उन्होंने “रंग बांको सांवरिया डार गयो रे” पर फूलों की होली पेश कर ब्रज का मनोरम दृश्य उपस्थित कर दिया। “रामरंग बरसे गो” ने मथुरा में रामलला के दर्शन करा दिये। इसमें साथी कलाकारों में दीपक शर्मा, जागृति, मणिका, अर्थव कृष्ण, देवेश कृष्ण, सोनम, प्राची, खुशबू, राजेश, हेमराज सहित अन्य शामिल रहे।
मशहूर प्लेबैक सिंगर रूप कुमार राठौर व सोनाली राठौर के गजल गायन से शाम परवान चढ़ी। उन्होंने एक से बढ़कर एक कर्णप्रिय रचनाएं सुनायीं। इसमें राठौर दंपति ने “तेरे लिए” और “तुझमें रब दिखता है” लोकप्रिय गीत सुनाया। रूप कुमार राठौर ने “मौला मेरे मौला” और “संदेशे आते हैं” सुनाया तो सोनाली ने “आपकी नज़रों ने समझा” को मधुर स्वरों में गाकर सबका दिल जीत लिया।
प्रदीप नाथ त्रिपाठी ने पुतुल प्रदर्शन के अंतर्गत गुलाबो सिताबो का प्रदर्शन कर प्रशंसा हासिल की।
ये रहे प्रतियोगिताओं के विजेता
– पतंगबाजी प्रतियोगिता, नादरगंज मैदान में हारुन जी के संयोजन में सम्पन्न हुई थी। इसमें 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहले स्थान पर बादशाह, दूसरे स्थान पर शानू, तीसरे स्थान पर विमल, चौथे स्थान पर शीबू रहे।
– शतरंज प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में अनिल कुमार रायजादा के संयोजन में 2 से 5 अप्रैल तक हुई। इसमें 29 प्रतिभागियों ने हुनर दिखाया। ओपन एज वर्ग में शनि कुमार सोनी, वर्मा आशु, अथर्व रस्तोगी, अर्जुन सिंह, शुभ श्रीवास्तव, देब ज्योति दास, आरव गर्ग, अग्रार्थ मिश्र, अगस्त्य श्रीवास्तव, गौरांश जायसवाल को क्रमानुसार ट्राफी दी गई। अंडर 19 ब्वायज में शान तिवारी को ट्राफी दी गई। अंडर 15 ब्वायज में आदित्य सिंह पहले और सक्षम राज दूसरे एवं अंडर 13 ब्वायज में मेधांश राज पहले और जयश किशोर आर्य दूसरे स्थान पर रहे। अंडर 11 ब्वायज में आरव गुप्ता एवं अंडर 11 गर्ल्स में ताविशी धादरवाल विजेता रहीं। अंडर 9 ब्वायज में अक्षत श्रीवास्तव पहले और अक्षज मेहता दूसरे स्थान पर रहे वहीं अंडर 7 ब्याज में वियान अग्रवाल को ट्राफी दी गई।
– अवधी व्यंजनों की प्रतियोगिता अकादमी परिसर में शेफ डॉ. इग्ज़त हुसेन के संयोजन में 5 अप्रैल को हुई, उसमें पहला पुरस्कार मीनू अग्रवाल, दूसरा पुरस्कार निशा गुप्ता, तृतीय पुरस्कार खुराना, सांत्वना पुरस्कार आदित्य राज सिंह को दिया गया।
– बलराम शर्मा के संयोजन में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में 19 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें पहला पुरस्कार लखनऊ कला एवं शिल्प महाविद्यालय, दूसरा पुरस्कार टेक्नो इंस्टीट्यूट, तृतीय पुरुस्कार गोयल इंस्टीट्यूट, सान्त्वना एमिटी कॉलेज को दिया गया।
– अवधी परिधान प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में निधि श्रीवास्तव के संयोजन में हुई। उसमें मिस्टर अवध का सम्मान कृष, मिसेज अवध का लता बाजपेई, मिस लाडली का अभव्या शुक्ला और मिस अवध का कशिश मेहरोत्रा को दिया गया। इसमें नौ साल की छोटी सी बिटिया अभव्या शबरी बनी थी। वयस्क प्रतिभागी पिंकी पचौरी कौशल्या के रूप में मंच पर आयीं, वहीं रेशमा निगम ने महारानी सीता का रूप धारण किया था। इसके साथ ही मंजूषा अवस्थी ने अवध की गृहणी का श्रंगार किया था।
– इक्का-तांगा दौड़ में जुग्गन खान के संयोजन में असलम बग्गी पहले, इमरान दूसरे और फैसल खान तीसरे स्थान पर रहे।