योग मानव जीवन के लिए वरदान है। योग से बालकों का सर्वांगीण विकास होता है

योग मानव जीवन के लिए वरदान है। योग से बालकों का सर्वांगीण विकास होता है। उक्त विचार उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में संचालित त्रैमासिक योग प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर योग प्रशिक्षक योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने व्यक्त किये।

 

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वाधान में संचालित त्रैमासिक योग प्रशिक्षण शिविर का आज विधिवत समापन हो गया। सभी बालक एवं बालिकाओं ने योग की बेसिक जानकारियां मन लगाकर सिखी। नियमित योग अभ्यास से बालक एवं बालिकाओं का शारीरिक मानसिक बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है ।

 

संस्थान के निदेशक श्री विनय श्रीवास्तव श्री महेंद्र पाठक जी श्री शिवम गुप्ता जी एवं कक्षा का निरीक्षण करने वाले श्री दिव्यरंजन जी तथा संस्थान के अन्य सभी अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं केंद्र अध्यक्षा विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सुदेश रानी ने कहा कि 3 महीने के योग प्रशिक्षण से बच्चों के अंदर विशेष परिवर्तन देखने को मिला है। योग प्रशिक्षक सुरेंद्र पाल आर्य ने बच्चों को मन लगाकर योग आसन प्राणायाम एवं संस्कार की शिक्षा देकर बच्चों के अंदर योग के प्रति रुचि पैदा की। उन्होंने बच्चों को शिविर के उपरांत भी योग को अपने जीवन में उतारने तथा नियमित अभ्यास करने का संकल्प दिलवाया। इस अवसर पर बालक एवं बालिकाओं ने आसनों का विशेष प्रदर्शन करके दिखाए ।