करो योग रहो निरोग
करो योग रहो निरोग।
आज के भौतिकवादी युग में योग ही एक ऐसा माध्यम है इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य की कामना की जा सकती है। उक्त विचार भारतीय योग संस्थान के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं जनपद प्रभारी योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने संस्थान के निशुल्क योग साधना केंद्र ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल मुजफ्फरनगर में योग और स्वास्थ्य विषय पर बोलते हुए व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि आज हमारा अन्न, जल और वायु इतने अधिक प्रदूषित हो गये हैं कि ऐसी स्थिति में स्वस्थ रहना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। तरह तरह के रोग पैदा हो रहे है। योग करने से शरीर की समस्त प्रणालियां सुचारू रूप से कार्य करना शुरू कर देती हैं। जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है । जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है उनके शरीर में रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है और ऐसे योगी साधक कम बीमार पड़ते हैं।
योग शिक्षक यज्ञ दत्त आर्य ने कहा कि महर्षि पतंजलि ने योग दर्शन की रचना मानव मात्र के कल्याण के लिए की है। यम, अहिंसा, सत्य, अस्तेय,ब्रह्मचर्य ,अपरिग्रह का पालन करने से एक सभ्य समाज का निर्माण होता है जबकि नियम शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान का पालन करने से एक सभ्य नागरिक
का निर्माण होता है। यम- नियम का पालन करते हुए एक साधक अंत में ईश्वर प्राप्ति कर समाधि को प्राप्त होता है।
योग शिक्षक डॉक्टर अक्षय बालियान ने कहा कि दवाइयां रोग को दबाती है जबकि योग रोग को जड़ से समाप्त करने का कार्य करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अच्छे स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए कहा है कि जो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ होता है उस व्यक्ति को ही पूर्ण रूप से स्वस्थ माना गया है।
इस अवसर पर अनेक योग साधक एवं साधिकाओ में अपने विचार व्यक्त किये जिसमें मुख्य रूप से जिला प्रधान राज सिंह पुंडीर ,मंजू नामदेव, रजनी मलिक आचार्य रामकिशन सुमन आदि प्रमुख रहे।