ध्वज गीत “हे भारत भू के मान प्रवर” पर हुई कथक की प्रभावी प्रस्तुति
ध्वज गीत “हे भारत भू के मान प्रवर” पर हुई कथक की प्रभावी प्रस्तुति
– कथक केन्द्र की ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक कार्यशाला में बच्चों से लेकर अभिभावकों तक की हुई प्रभावी प्रस्तुतियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी संस्कृति विभाग, उ.प्र. और कथक केन्द्र की ओर से आयोजित ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य की कार्यशाला की प्रस्तुति शुक्रवार 30 जून को, अकादमी के संतगाडगे ऑडिटोरियम में हुई। अकादमी के निदेशक तरुण राज की परिकल्पना में यह प्रस्तुति हुई। इस समापन समारोह का केन्द्रीय आकर्षण, विशेष सचिव संस्कृति अमरनाथ उपाध्याय और रागिनी उपाध्याय, सृजित ध्वज गीत “हे भारत भू के मान प्रवर” की कथक प्रस्तुति रही। इसका संगीत निर्देशन डॉ.पवन कुमार और अभिषेक श्रीवास्तव ने किया है। इस अवसर पर इस ध्वजगीत को तैयार करने वाले कलाकारों को सम्मानित भी किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि अमरनाथ उपाध्याय और विशिष्ट अतिथि कमिश्नर जीएसटी आईआरएस राहुल राजपूत का स्वागत तरुण राज ने किया।
ध्वज गीत पर कथक प्रस्तुति, श्रुति शर्मा, मंजू मलकानी और नीता जोशी के कथक नृत्य निर्देशन में प्रभावी रूप से पेश की गई। विशेष प्रस्तुति ध्वज गीत में प्रियम यादव, अनिमेष सिंह, गौरी शुक्ला, विदुशी शुक्ला, सानवी सक्सेना, ऐशनी पाठक, पर्णिका श्रीवास्तव, शताक्षी यादव, सृष्टि प्रताप, विधि जोशी, अदिति जायसवाल, मैत्री कंडारी, संस्कृति त्रिपाठी, मौसम कुमारी, कामाक्षी वर्मा, वैष्णवी अग्निहोत्री, वैष्णवी गोस्वामी, ईशानी जैन, मानवी वर्मा, देवी संदीप देशपांडे, डिंपल विरवानी आयुष श्रीवास्तव, सत्यम श्रीवास्तव, पूजा वर्मा, मीनल अभ्यंकर, खुशी रस्तोगी, आशी शुक्ला, सुनिष्का कश्यप ने प्रभावी नृत्य कर प्रशंसा हासिल की। इसमें गायन पक्ष नांतू दास ने संभाला वहीं तबला डॉ.पवन तिवारी और अनंत कुमार प्रजापति ने किया। सिंथेसाइजर वादन विजय सैनी और सितार वादन डॉ.नवीन मिश्र ने किया। पढंत पर श्रुति शर्मा, नीता जोशी और मंजू मलकानी ने साथ दिया। इसमें विभा सिंह और आयुषी पाण्डेय ने भी सुमधुर गायन किया वहीं अनुराग भौलिया संगीत अरेंजर रहे। रूप सज्जा का दायित्व मो.शहीर और वेशभूषा का वंदना सिंह ने निभाया।
कार्यक्रम की शुरुआत कृष्णास्तुति से हुई। उसमें “अच्युतम केशवम” भजन पर प्रतिभागियों ने पारंपरिक कथक के तहत टुकड़े, परमेलु, तिहाई, रंगमंच के टुकड़े के साथ राग मिश्र बिलावल और तीनताल में मनमोहक प्रस्तुति दी। श्रुति शर्मा के निर्देशन में हुई इस सुंदर प्रस्तुति के बाल कलाकारों में वृंदा, अनन्या, नव्या, मनस्वी, सुहाना, रितिका, अविशी, मेधा, प्रगति, सानवी, अवंतिका, जान्हवी, कामाक्षी, सिद्धि, देवर्षिका, ऋद्धि, लहर, अन्विका, राध्या, अंजली शामिल रहीं।
नीता जोशी के निर्देशन में “परंपरा” के अंतर्गत “सरस्वती वंदना” पेश की गई। तीन ताल में रंगमंच के टुकड़े के साथ कलाकारों ने तिहाई, परन, परमेलू, कृष्ण कवित्त आदि को मनमोहक अंदाज में दर्शाया। इसमें ईशान्वी यादव, आश्रिता यादव, कोमल यादव, आरती यादव, हिमानी, अविका सिंह पटेल, आशवी अविका सिंह, पॉलोमी श्रीवास्तव, इशान्वी यादव, मिश्का चौहान, पंखुड़ी तिवारी, आरना गोयल, आव्या श्रीवास्तव, आशवी मिश्रा, आर्या किरन वर्मा, आराध्या आनंद, नव्या राजपूत, शाल्विका राज सिंह तोमर, अरायना सिंह, सिद्धिक्षा पाण्डे, श्रुति मौर्या, आकृति सिंह, अनुष्का ने प्रतिभाग किया।
मंजू मलकानी के निर्देशन में कृष्ण वंदना “प्रगटे ब्रज नंद लाल” को राग भीमपलासी और ताल दादरा में प्रस्तुत किया गया। इसमें मानवी श्रीवास्तव, वीरेंद्र श्रीवास्तव, मेघना सिंह ठाकुर, ऐश्वर्या सिंह, अहाना सिंह, मेधावी गुप्ता, निशा यादव, मुद्दा शुक्ला, खुशी रस्तोगी, एनी अब्बासी, प्रिंस यादव, आदित्य त्रिपाठी, अधीरा यादव, मान्या ने सुंदर नृत्य कर प्रशंसा हासिल की।
श्रुति शर्मा के निर्देशन में सीनियर छात्रों ने पारंपरिक कथक के तहत तीन ताल पर आधारित टुकड़े, परन, परमेलू, तिहाई, कवित्त, 101 चक्कर का प्रदर्शन कर तालियां बटोंरी। इसके साथ ही ठुमरी “पायलिया छनन छनन बाजे” के प्रभावी भावों को कलाकारों ने राग पुरिया धनश्री और तीन ताल में पेश किया। इसमें प्रियम यादव, ऐशनी पाठक, अनिमेष सिंह, गौरी शुक्ला, सानवी सक्सेना, विदुषी शुक्ला, पर्णिका श्रीवास्तव और शताक्षी यादव ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
मंजू मलकानी के निर्देशन में आयुष श्रीवास्तव, ध्रुव शुक्ला, सत्यम श्रीवास्तव, पूजा वर्मा, मीनल, खुशी रस्तोगी, सुनिष्का कश्यप, आशी शुक्ला ने शिव वंदना और त्रिवट को ताल कहरवा में सुंदरता के साथ पेश किया।
नीता जोशी के निर्देशन में मेघरंजनी को मेघ राग और तीन ताल में पेश किया गया। ऋतु अनुकूल इस मनभावन प्रस्तुति में मैत्री कंडारी, सृष्टि प्रताप विधि जोशी, अदिति जायसवाल, देवी देशपांडे, संस्कृति त्रिपाठी, मौसम कुमारी, डिंपल विरवानी, वैष्णवी गोस्वामी, कामाक्षी वर्मा, मानवी वर्मा, वैष्णवी अग्निहोत्री, रुचि सिंह, ईशानी जैन ने नृत्य किया।
मंजू मलकानी के निर्देशन में कृष्ण की लीलाओं के अंतर्गत द्रौपदी चीरहरण के प्रसंग को प्रदीप यादव, खुशी रस्तोगी, शौर्य शुक्ला, पूर्णिमा पाठक, प्रिंस यादव, प्रदीप कुमार तिवारी, मुदिता शुक्ला, चांदनी यादव, परी अरोरा, अधूरा यादव, एनी अब्बासी, दर्शिका पांडे, शिखर खन्ना, मोनिका अग्रवाल, जसलीन कौर, भूषण अग्रवाल, पूजा वर्मा, दिव्या नेगी, अर्चना सिंह एवम आयुष श्रीवास्तव ने कथक नृत्य के माध्यम से दर्शाया।
श्रुति शर्मा के निर्देशन में ठुमरी “ऐरी सखी मोरे पिया घर आए” में नटवरी, परमेलू, तिहाई के स्वरूपों को दर्शाया गया। उसमें सोनम, सपना, स्नेहा, नेहा सिंह, डा.रागिनी, संध्या, आद्या, हेमा, आंचल, गीतांजलि, नेहा यादव, आरजू एवं मोहिनी ने नृत्य किया।
नीता जोशी के निर्देशन में ठुमरी “आओगे जब तुम ओ साजना” को राग तिलक कामोद में पेश किया गया। खास बात यह रही कि इसमें बच्चों के अभिभावकों ने भी उत्साह के साथ भाग लिया जिनमें प्रीति, पूजा रमन, सुनीता रमन, डॉ.अनामिका, रत्ना आस्थाना, अर्चना जैन, दिव्या जैकब, कविता जोशी, पूनम त्रिवेदी, रीना सिंह, क्षमा जायसवाल, गीतांजलि, सपना रावत ने नृत्य कर प्रशंसा हासिल की।
———–