डा.रमाकांत शुक्ल (दिल्ली) के निधन पर दुःख व्यक्त किया गया
देवबंद : डा.रमाकांत शुक्ल (दिल्ली) के निधन पर दुःख व्यक्त किया गया
डा.रमाकांत शुक्ल का चले जाना हिंदी साहित्य का बडा नुकसान : महताब आजाद
✍रिर्पोट :- गौरव सिंघल,ब्यूरो चीफ-न्यूज एवीपी,जनपद सहारनपुर, उप्र:।
देवबंद (न्यूज एवीपी ब्यूरो)। राष्ट्रवादी कवि डॉक्टरेट महताब आजाद ने संस्कृत और हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाले पदमश्री डा.रमाकांत शुक्ल (दिल्ली) के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि डा.रमाकांत शुक्ल का चले जाना हिंदी साहित्य का बड़ा नुकसान है उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। डा. महताब आजाद ने बताया पदमश्री डा. रमाकांत शुक्ला के साथ कई बार मंच पर काव्य पाठ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हिंदी के साथ-साथ श्री शुक्ल उर्दू से भी मोहब्बत रखते थे, वो कहते थे भाषा का कोई मजहब नहीं होता।
उधर, संस्कृत और हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाले पदमश्री डा.रमाकांत शुक्ल के निधन पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र सिंघल, लोकेश वत्स एडवोकेट,वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक गौरव सिंघल, पर्यावरण प्रेमी शशांक जैन, शिक्षक मोहित आनंद, अमित सिंघल एडवोकेट, बिजेंद्र गुप्ता, देवी दयाल शर्मा एडवोकेट, अमित जैन, रोहित कौशिक, अनुराग मित्तल, अंकित वर्मा, विपुल जैन आदि ने भी शोक व्यक्त करते हुए इसे हिंदी साहित्य का बडा नुकसान बताया है।