12 वर्षीय देवी प्रत्यक्षा सारस्वत का दूसरा गाना हुआ रिलीज, रुस्किन बॉन्ड बोले ये तो अजूबा है

रिर्पोट :- गौरव सिंघल, ब्यूरो-जनपद सहारनपुर।

 

सहारनपुर : 12 वर्षीय देवी प्रत्यक्षा सारस्वत का दूसरा गाना हुआ रिलीज,

रुस्किन बॉन्ड बोले ये तो अजूबा है

 

सहारनपुर। जाने-माने अंग्रेजी साहित्यकार पद्मश्री और पदम् भूषण से सम्मानित रस्किन बांड ने बारह वर्षीया देवी प्रत्यक्षा के दूसरे गाने वन रेन को रिलीज करते हुए प्रत्यक्षा की अंग्रेजी व हिंदी के गाने, जादुई स्वर, संगीत बद्धता, भाव व्यंजना के साथ छोटी की उम्र में मारीशस योग की राष्ट्रीय विजेता बन जाने जैसी बहुआयामी प्रतिभा के लिए देवी प्रत्यक्षा को एक अजूबा बताया और कहा कि जिस उम्र में बच्चे वीडियो गेम और चॉकलेट चॉइस में खोए होते हैं इस बच्ची का उस उम्र में वॉयस और इमोशंस की गहराई को छूने की परख पैदा करना असामान्य घटना है। ज्ञातव्य है कि देवी प्रत्यक्षा ने इससे पूर्व मात्र 10 वर्ष की आयु में अपने पहले गाने ‘टेक मी अवे’ का लेखन, संगीत रचना व गायन किया जिसने सभी संगीत प्लेटफॉर्म्स पर धूम मचा दी व दुनिया की अनेक जानी-मानी हस्तियों ने उसके डिजिटल रिलीज़ में शामिल होकर छोटी सी आयु में वंचितों पर ऐसा गहन गाना लिखने व गाने पर प्रत्यक्षा की विलक्षण प्रतिभा को सराहा था। वहीं न रूक कर देवी प्रत्यक्षा सारस्वत ने 12 वर्ष की आयु में अपना दूसरा गाना ‘वन रेन’ तैयार किया है जिसका लेखन, संगीत रचना व गायन स्वयं करके उसने सभी को स्तब्ध कर दिया है। यह वन रेन गाना माँ प्रकृति को व मानव के साथ जीव जंतुओं को भी समर्पित है जहां मानव जाति को यह संदेश दिया गया है कि वह प्रकृति व बाकी जीव जंतुओं के साथ सामंजस्य बना कर जिये। जिससे विश्व का कल्याण हो। 88 वर्षीय जाने-माने लेखक पद्म भूषण से सम्मानित रस्किन बांड और जाने माने योग गुरु पदम् श्री से सम्मानित स्वामी भारत भूषण भी रीलीज़ पर उपस्थित रहकर मात्र 12 वर्ष की आयु में देवी प्रत्यक्षा की इस सोच की व उनकी इस अनूठी प्रतिभा की सराहना की। बड़ी बात यह रही कि देवी प्रत्यक्षा के गीत की संगीत व्यवस्था भी मूलत: सहारनपुरवासी लेकिन लंबे अरसे से मुम्बई में एंटरटेनमेंट क्षेत्र में कार्य कर रहे सुमंतो रे ने की जो संगीत योजना के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां प्राप्त कर चुके है। पेशे से सी ए लेकिन भारत सरकार के अंतरर्राष्ट्रीय योग गीत कंपोजर होने का गौरव पाने वाले प्रत्यक्षा के पिता धीरज सारस्वत ने बताया कि यह गीत सभी संगीत प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है व रीलीज़ उपरान्त सभी प्लेटफॉर्म्स पर इसे खूब व्यूज भी प्राप्त हो रहे हैं। अपने गाने व इस नन्ही आयु में प्राप्त उपलब्धियों को लेकर देवी प्रत्यक्षा ने बताया कि वह अपनी माँ जानी मानी योग गुरु व संस्कृति विशेषज्ञ आचार्य प्रातिष्ठा को प्रेरणा व पिता धीरज सारस्वत को अपनी सबसे बड़ी शक्ति मानती है व यह परिवार से प्राप्त संस्कार हैं कि वह प्रकृति व अन्य जीवों के प्रति इस संवेदनशीलता को अनुभव कर पाती हैं।