इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की एक साधारण बैठक का आयोजन मेरठ रोड स्थित होटल सॉलिटेयर इन में किया गया
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की एक साधारण बैठक का आयोजन मेरठ रोड स्थित होटल सॉलिटेयर इन में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में श्री अंकित सिंह रीजनल मैनेजर यू पी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उपस्थित रहे। बैठक का शुभारंभ आईआईए चेयरमैन विपुल भटनागर ने मुख्य अतिथि को बुके देकर स्वागत करके किया। आईआईए के सह सचिव अमित जैन ने कहा कि पॉल्यूशन विभाग को एडमिनिस्ट्रेटर न बनकर फैसिलिटेटर की भूमिका निभानी चाहिए जिसमें कि वह उद्योगों को गाइड करें कि वह कैसे परिवर्तन करके पर्यावरण को सुधारने में सहभागी हो सकते है । किसी उद्योग का वेस्ट दूसरे उद्योगों के लिए रॉ मैटेरियल हो सकता है ऐसे उद्योगों को भी चिन्हित किया जाना चाहिए।
आर ओ पोलूशन श्री अंकित सिंह जी ने कहा कि मुजफ्फरनगर के उद्योगों का पर्यावरण के मानको को पूरा करने में बहुत सहयोग रहता है हम भी प्रयास करते हैं कि उद्योगों में यदि कोई कमी है तो उसे सुधारने का उचित अवसर मिले उन्होंने कहा कि संस्थाओं द्वारा धरातल पर जो समस्याएँ उठाई जाती है उसे सी.ए.क्यू.आई. मैं भी उठानी चाहिए उन्होंने बताया कि कुपला इंडस्ट्रीज को कोयले से उत्पादन करने की छूट दे दी गई है क्योंकि उन्होंने अपनी समस्याओं को वहां उठाया उन्होंने आश्वासन दिया कि मुजफ्फरनगर के उद्योगों को विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
आईआईए के निवर्तमान राष्ट्रीय महासचिव श्री अश्वनी खंडेलवाल जी ने कहा कि पीएनजी की उपलब्धता न होने पर उद्योगों पर उसे कैसे थोपा जा सकता है जब तक उपलब्धता नहीं है तब तक पारंपरिक इंधन का इस्तेमाल करने की छूट उद्योगों को मिलनी चाहिए जिन उद्योगों में कैनोपी वाले भारत स्टेज 4 जेनरेटर है और उनको सिर्फ उद्योगों को बिजली की उपलब्धता न होने के समय पर चलाया जाता है ऐसे उद्योगों को इस नियम से छूट मिलनी चाहिए।
फेडरेशन के सचिव मनीष अग्रवाल ने कहा कि पारंपरिक इंधन से पीएनजी पर परिवर्तन के लिए ना तो अभी तकनीकी उपलब्ध है ओर अगर है भी तो बहुत महंगी है।
प्रदेश संयोजक लघु उद्योग प्रकोष्ठ भाजपा श्री कुश पुरी ने कहा कि पर्यावरण नियम पूरे देश में एक समान लागू होना चाहिए एनसीआर के नाम पर पहले दिल्ली से उद्योगों को उजाड़ा गया और अब जो उद्योग दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में लगे हुए है उन्हें एनसीआर के नाम पर वहां से भी हटाए जाने का प्रयास हो रहा है पर्यावरण के नियम पूरे देश में एक समान होने चाहिए यदि कोयले को बैन करना है तो पूरे देश में करना चाहिए ना कि सिर्फ एनसीआर में ।उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एनसीआर में आने वाले जिलों को एनसीआर से बाहर करने की मांग रखी है इसी प्रकार उत्तर प्रदेश को भी मांग रखनी चाहिए नहीं तो यहां से उद्योग समाप्त हो जाएंगे।
आईआईए चैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर ने कहा कि आम धारणा यह है कि सारा प्रदूषण उद्योग द्वारा ही किया जा रहा है जबकि पर्यावरण को सुधारने के लिए सबसे अधिक यदि कोई कार्य कर रहा है तो वह सिर्फ उद्योग है । उद्योगों का पोल्यूशन , कुल पोल्यूशन का सिर्फ 11 प्रतिशत है परंतु आम आदमी ,शासन प्रशासन से लेकर कोर्ट तक सिर्फ उद्योगों के लिए ही गाइडलाइन जारी करते है जबकि 89 प्रतिशत पोल्यूशन करने वालों के लिए न कोई नियम ना कोई बात होती है । कोविड काल में भी जब सिर्फ उद्योग चल रहे थे बाक़ी सब लॉकडाउन था उस समय में वातावरण बिल्कुल स्वच्छ था नीला आसमान दिखता था और आईआईटी कानपुर के शोध के अनुसार उस समय पर्यावरण की स्थिति बहुत अच्छी थी यह दर्शाता हैं कि उद्योग से कहीं अधिक और माध्यम है जो पर्यावरण को खराब करते हैं ।
एक 10 सूत्रीय मांगपत्र भी आर.ओ. पोल्यूशन अंकित सिंह जी को दिया गया जिसमें कि उद्योगों की मांग को उनके माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम का संचालन आईआईए महासचिव मनीष भाटिया ने किया व बैठक में उपस्थित सभी उद्यमियों व अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सर्वश्री पवन गोयल जगमोहन गोयल अंकुर गर्ग भारत अग्रवाल समित अग्रवाल सुधीर गोयल सागर वत्स शरद जैन पंकज मोहन गर्ग संजीव मित्तल सत्य प्रकाश रेशु विजय सिंघल विवेक गोयल असद फारुक अनुज कुच्छल यशपाल सिंह आदि अनेकों उद्यमी उपस्थित रहे।