विधायक लक्ष्मण सिंह ने उठाया पावर प्लांट से खराब होती जमीन का मुद्दा

विधायक लक्ष्मण सिंह ने उठाया पावर प्लांट से खराब होती जमीन का मुद्दा

रेवाड़ी। 18दिसंबर आदर्श शर्मा कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में झज्जर जिले के झाडली में लगे एनटीपीसी के बिजली पावल प्लांट से कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव लिलोढ के किसानों की लगातार खराब हो रही जमीन, सेम की समस्या का समाधान तथा पिछले सात सालों से कंपनी की ओर से खराब जमीन के नहीं दिए जा रहे मुआवजे को दिलाए जाने की मांग को भी जोरदार ढंग से उठाया। कोसली विधायक की मांग पर कृषि मंत्री ने पानी के स्थाई समाधान के साथ-साथ जांच कराकर मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया।

कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने शीतकालीन सत्र में क्षेत्र के गांव लिलोढ के किसानों की समस्याओं को जोरदार ढंग से उठाते हुए बताया कि झज्जर जिले के गांव झाडली में एनटीपीसी का पावर प्लांट लगाया हुआ है। इस बिजली प्लांट के जल रिसाव तथा कोयला-राख धोने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पानी झज्जर जिले के तीन गांवों के साथ-साथ कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव लिलोढ के किसानों की जमीन को भी लगातार खराब करता आ रहा है। इस पानी से किसानों की फसल खराब होती रही है। बिजली प्लांट के इसी पानी के चलते पहले इस गांव का जल स्तर जहां पहले 25 फुट पर था, वह अब ऊपर आकर करीब दो फुट तक पहुंच गया है और सेम की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि इसके उपरांत किसानों के प्रदर्शन तथा उनके द्वारा सरकार के समक्ष मांग रखे जाने के बाद 2012 से लेकर 2016 तक कंपनी की ओर से प्रभावित किसानों को खराब हुई फसल व जमीन का लगातार मुआवजा दिया जाता रहा, लेकिन 2016 के बाद कंपनी की ओर से यह कहते हुए किसानों को मुआवजा बंद कर दिया गया कि रुडकी हाइड्रोलोजी डिपार्टमेंट से जांच कराने के बाद यह पाया गया कि यह पानी उनका नहीं है।

कोसली विधायक ने सदन में कंपनी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि लिलोढ गांव का जलस्तर 25 फुट से दो फुट कैसे आ गया। और अगर यह पानी उनका नहीं है तो 2012 से 2016 तक वे किसानों को मुआवजा क्यों देते रहे। यह किसानों के साथ सीधा-सीधा बड़ा धोखा है। कोसली विधायक ने किसानों की मांगों को जोरदार ढंग से उठाते हुए कहा कि सरकार किसानों की सेम की समस्या का समाधान निकाले तथा 2016 से लेकर आज तक का जितना भी मुआवजा बनता है, वह किसानों को दिया जाए। उन्होंने कहा कि जमीन ही किसानों की जीवन रेखा होती है, अगर वह ही खराब हो गई तो किसान अंधेरे में चला जाएगा। इसलिए सरकार इस संबंध में तुरंत कदम उठाएं।

कोसली विधायक की मांग पर सदन में प्रदेश के कृषि मंत्री ने स्वीकार करते हुए कहा कि किसानों की जमीन खराब अवश्य हुई है। उसके समाधान के लिए गत दिनों बैठक आयोजित की गई थी तथा कंपनी को भी इस संबंध में लिखा गया है। सेम की समस्या के समाधान के लिए पक्के टैंक में जमा किए पानी को पंप से उठाकर अन्य स्थान पर ले जाकर कृषि के लिए उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले मुआवजे को लेकर वे जांच कराएंगे तथा किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

रेवाड़ी से आदर्श शर्मा की रिपोर्ट News AVP