पूज्यनीय श्री नीब करौरी बाबा महाराज जी की जन्मस्थली अकबरपुर धाम पर भव्य राम कथा आचार्य श्री पदम् चंद उपाध्याय जी के मुखरबिन्दु से…..

पूज्यनीय श्री नीब करौरी बाबा महाराज जी की जन्मस्थली अकबरपुर धाम पर भव्य राम कथा आचार्य श्री पदम् चंद उपाध्याय जी के मुखरबिन्दु से…..

चतुर्थ दिवस कथा में

श्री राम कथा में राम-सीता विवाह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। अकबरपुर धाम में पधारे कथा व्यास पदम् चंद उपाध्याय जी ने श्रीराम-सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा की कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी राजा- महाराजा को विवाह के लिए निमंत्रण भेजा। वहां आए सभी लोगों ने एक-एक कर धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्री राम धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे प्रभुराम को वर माला डाली वैसे ही देवतागण उन पर फूलों की वर्षा करने लगे। इस क्रम में देवी दिव्यांशी ने क्षे्त्रीय संगीत की धुन पर भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया।

 

जय हो प्रभु श्री राम की🙏

जय हो अकबरपुर धाम की 🙏