आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा को लेकर एसएसजे परिसर में सेमिनार आयोजित हुआ
*आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा को लेकर एसएसजे परिसर में सेमिनार आयोजित हुआ*
सोबन सिंह जीना परिसर,अल्मोड़ा में जी20 एवं आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान विभाग एवं भौतिक विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘एप्लीकेशंस ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड बिग डेटा’ विषयक एक दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन कंप्यूटर विज्ञान विभाग के नवीन भवन में हुआ। उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रतिनिधि प्रो गिरीश चन्द्र साह, सत्र अध्यक्ष प्रोफेसर जया उप्रेती (संकायाध्यक्ष, विज्ञान), विशिष्ट अतिथि प्रो इला बिष्ट (कुलसचिव), बीज वक्ता रूप में डॉ आशुतोष भट्ट, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह,सेमिनार संयोजिका डॉ पारुल सक्सेना (विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस विभाग), सह संयोजक डॉक्टर नंदन सिंह बिष्ट (भौतिकी विभाग), आयोजक सचिव डॉ मनोज कुमार बिष्ट (कम्प्यूटर विज्ञान), कुलानुशासक डॉ देवेंद्र धामी आदि ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित किया।
उद्घाटन अवसर पर एमएससी एवं कम्प्यूटर विज्ञान की छात्राओं ने वंदना एवं स्वागत गीत से अतिथियों का अभिनन्दन किया। इसके उपरांत आयोजकों ने अतिथियों का बैज अलंकरण करते हुए शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस सेमिनार में बैंक और सुरक्षा,वित्तीय बाजार की देखरेख, संचार, मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवाएं एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षा एवं सरकारी व्यवस्थाओं के संचालन में कंप्यूटर एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा आदि विविध पक्षों पर मंथन हुआ।
सेमिनार संयोजक डॉ पारुल सक्सेना ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब अधिक से अधिक कार्य मशीन और कम्प्यूटर की सहायता से संपादित हो रहे हैं। जिसमें कृत्रिम बुद्धि का प्रयोग होता है। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में वृहद आंकड़ों का संपादन, विश्लेषण कंप्यूटर एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में किया जाएगा। अब मशीन को मानव बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। बिग डेटा, कम्प्यूटर तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में नवीन ज्ञान का संग्रहण किया जा रहा है। बिग डेटा के संबंध में उन्होंने कहा कि अधिक कार्य कम समय में सम्पादित होंगे।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर जया उप्रेती (संकायाध्यक्ष, विज्ञान) ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धि) को लेकर निरंतर विकास हो रहा है। व्यापार आदि में इसके प्रयोग ने क्रांति ला दी है। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने सेमिनार के विषय को उपयोगी बताया। साथ ही उन्होंने आयोजकों को सेमिनार के लिए बधाई दी।
प्रभारी कुलसचिव प्रो इला बिष्ट ने कहा की (कृत्रिम बुद्धि) का प्रयोग कर हम जीवन को आसान बना रहे हैं। हम कम्प्यूटर, तकनीकी क्षेत्र में अपने को विकसित बनाकर,इनके उपयोग से विकास को गति दे सकते हैं। उन्होंने सेमिनार के विषय को आज के तकनीकी युग में प्रासंगिक बताया।
कुलपति प्रतिनिधि प्रो. गिरीश चन्द्र साह ने कहा कि कम्प्यूटर विज्ञान और भौतिकी विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में एक समसामयिक विषय पर सेमिनार का आयोजन हो रहा है। इसके लिए कंप्यूटर विज्ञान एवं भौतिकी विभाग सराहना के पात्र हैं। कृत्रिम बुद्धि पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र, संचार जगत, कृषि, मौसम आदि में हो रहा है। साइबर अपराध को रोकने में इसकी उपयोगिता बहुत अधिक महत्वपूर्ण सिद्द हुई है। उन्होंने आयोजकों को शुभकामनाएं दी।
बीज वक्ता के रूप में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के डॉ. आशुतोष भट्ट ने कृत्रिम बुद्धि के संबंध में कहा कि कम्प्यूटर और तकनीकी क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धि के अनुप्रयोग ने जीवन को नई दिशा प्रदान की है। बिग डेटा आज के समय में पूर्व की अपेक्षा बहुत अधिक मात्रा में उत्पादित हो रहा है। आज विभिन्न मशीनों के माध्यम से डेटा का संग्रहण किया जा रहा है। कोविड की वैक्सीन का जल्दी आने के पीछे बिग डेटा का योगदान है। कम्प्यूटर के क्षेत्र में नई खोजों ने कृत्रिम बुद्धि को और अधिक बढ़ावा दिया है। आज वातावरण, पर्यावरण, चिकित्सा, मौसम के क्षेत्र में बिग डेटा का विश्लेषण बहुतायत किया जा रहा है। अब प्रोग्राम की भाषा बदलने लगी है। उन्होंने बिग डेटा को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दी।
सेमिनार के सह संयोजक डॉक्टर नंदन सिंह बिष्ट (निदेशक, एनआरडीएमएस) ने सेमिनार में आये हुए अतिथियों का आभार जताया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि के संबंध में चर्चा की।
दोनों विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार के सफल आयोजन के लिए कुलपति प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट ने आयोजकों को बधाई प्रेषित की।
कम्प्यूटर विज्ञान के डॉ मनोज बिष्ट ने बीज वक्ता के परिचय देते हुए वृहद आंकड़ों का संसाधन और जीवन में उसके अनुप्रयोग, कृत्रिम बुद्धि पर चर्चा की।
द्वितीय सत्र ब्रेन स्टॉर्मिंग का रहा। जिसमें वक्ता रूप में डॉक्टर पारुल सक्सेना ने जेनेटिक अल्गोरिज्म विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने जेनेटिक अल्गोरिज्म के अनुप्रयोगों की चर्चा की।
द्वितीय वक्ता के रूप में इंजीनियर रवींद्र नाथ पाठक ने ब्रेन स्टॉर्मिंग सैशन में बिग डेटा के विश्लेषण और उसके अनुप्रयोग पर बात रखी।
सेमिनार में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो इला साह, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. देवेन्द्र बिष्ट, प्रो जया उप्रेती (संकायाध्यक्ष, विज्ञान), प्रो. अरविंद अधिकारी (संकायाध्यक्ष,कला),प्रो सोनू द्विवेदी (संकायाध्यक्ष, दृश्यकला), कुलानुशासक डॉ. देवेंद्र सिंह धामी, प्रो विद्याधर सिंह नेगी, प्रो एन डी कांडपाल, डॉ. धनी आर्या (विभागाध्यक्ष, वनस्पति), डॉ प्रीति आर्या (विभागाध्यक्ष, हिंदी), डॉ. बलवंत कुमार (डीन ग्रीन ऑडिट),डॉ सुभाष चन्द्र (प्रभारी आई.टी), डॉ.गौरव कर्नाटक,डॉ. प्राची जोशी, आयोजक संयुक्त सचिव डॉ. अनामिका पंत, इंजीनियर अर्पिता जोशी,आयोजन समिति के डॉ सुशील चन्द्र भट्ट, डॉ सुमित खुल्बे,भगवान दास वर्मा, डॉ पवन जोशी, डॉ. तिलक जोशी, डॉ ललित जोशी, डॉ. पूरन सिंह बोरा,डॉ.दीपक टम्टा, डॉ.श्वेता चनियाल, डॉ लता आर्या, डॉ आशा शैली, डॉ दीपा कांडपाल, डॉ गणेश कुमार, पारस नेगी, डॉ. गिरजा शंकर पांडे, के.एस चौहान, अनूप सिंह बिष्ट, कमल जोशी, हरीश, मनोज सिंह, डॉ बी सी एस चौहान,डॉ योगेश मैनाली, डॉ राजेश राठौर, डॉ राजेन्द्र जोशी,माधवानंद शर्मा, डॉ विजेता सत्याल, डॉ आरती परिहार, रवि कुमार आदि सहित कई संख्या में छात्र-छात्राएं, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी उपस्थित रहे।