सिलाई प्रशिक्षण से ग्रामीण युवतियां बढ़ीं आत्मनिर्भरता की ओर

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लखनऊ ब्यूरो

सिलाई प्रशिक्षण से ग्रामीण युवतियां बढ़ीं आत्मनिर्भरता की ओर।

सीखने की ललक ही स्वाबलंबन की पहली सीढ़ी __डॉ सिद्धार्थ शंकर, पूर्व विधायक, मलिहाबाद

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के जन शिक्षण संस्थान गोमती नगर लखनऊ एवं पूर्व मंत्री स्व. गौरी शंकर जी की स्मृति में स्थापित मैत्रेय एरा- द गौरी शंकर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में माल रोड मलिहाबाद चौराहा निकट स्थापित कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में संचालित असिस्टेंट ड्रेस मेकर प्रशिक्षण की 20 ग्रामीण महिलाओं व किशोरियों को बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे मलिहाबाद के पूर्व विधायक डॉ सिद्धार्थ शंकर ने प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सीखने की ललक ही स्वाबलंबन की पहली सीढ़ी है महिलाएं अपने हुनर को नवीनतम अनुप्रयोगों से निखार कर परिधान निर्माण के वैश्विक बाजार में अपनी स्वीकार्यता स्थापित करें इसके लिए वे उनका हर संभव सहयोग करने के लिए तत्पर हैं इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त करने पर भी बल दिया ताकि वे तकनीकी दृष्टि से भी दक्ष बन अपने हुनर को आगे बढ़ा सकें। कार्यक्रम में उ प्र प्रशासनिक सेवा की से. नि. अधिकारी व रमाबाई आंबेडकर महिला उत्थान समिति की अध्यक्षा संघमित्रा शंकर ने कहा कि महिलाएं शक्ति की ही रूप हैं उन्हें अपनी शक्ति को पहचान कर अपने भीतर के हुनर को निखारना है इसके लिए सरकार कौशल विकास योजना संचालित रही है जिसका अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को मिल रहा है। सिफसा की पूर्व अधिकारी व मैत्रेय एरा की अधिशाषी निदेशक सुनीता सिद्धार्थ शंकर ने कहा कि आज महिलाओं ने सिद्ध कर दिया है कि वे पुरुषों से भी आगे है सेवा के हर क्षेत्र में वे शिखर पर हैं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी उनसे प्रेरणा लें और अपने ज्ञान और कौशल से देश की अर्थव्यवस्था में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। हमारी सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है। संस्थान के निदेशक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 105 दिवसीय इस प्रशिक्षण के माध्यम से 20 महिलाओं को वस्त्र निर्माण कार्य में दक्ष बनाकर इनका प्रमाणन भी किया गया है जोकि इनके लिए स्वरोजगार का एक सशक्त माध्यम बन सकता है साथ ही भविष्य में माल में स्थापित हो रहे टेक्सटाइल पार्क में इनके लिए रोजगार की संभावनाएं भी बलवती होंगी। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन विभाग की अतिथि व्याख्याता डॉ एकता गौतम ने उनके हुनर की सराहना करते हुए कहा कि वस्त्र निर्माण तो हमारी पारंपरिक सीख है इस कार्य से अनेक महिलाएं आज शीर्ष पर अपना परचम लहरा रही हैं उन्हें उनसे प्रेरित होकर आगे बढ़ना होगा जिससे उनका तथा उनके परिवार का आर्थिक उन्नयन भी होगा। कार्यक्रम का संचालन व संयोजन करते हुए संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी पन्नालाल ने प्रतिभागियों को भारत सरकार के नवीनतम सिद्ध पोर्टल की जानकारी साझा की।

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