मनोहरलाल खट्टर की विदाई के तरीक़े से हरियाणा का पंजाबी समाज खफा
– मनोहरलाल खट्टर की विदाई के तरीक़े से हरियाणा का पंजाबी समाज खफा
– 400 सीट का दावा कर रही बीजेपी मोदी ने ली जेजेपी और दोस्त की बलि ?
रेवाड़ी 14 मार्च आदर्श शर्मा News AVP
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले हरियाणा में जिस तरह से सत्ता परिवर्तन हुआ है । उसने दोस्ती के सभी मायनों को ताक पर रख दिया है। जेजेपी से गठबंधन और मनोहरलाल खट्टर व पीएम नरेंद्र मोदी की दोस्ती एक झटके में तोड़ दी गई।
गुडगांव में द्वारका एक्सप्रेसवे के उद्घाटन करने आए एक दिन पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोहर लाल खट्टर की शान में जो क़सीदे गढ़े उन्हें अपना संघर्ष के दिनों का साथी बताते हुय कहा कि वह मनोहर लाल जी के उस ज़माने के मित्र हैं जब दरी पर सोने का ज़माना था और मोटरसाइकिल पर मैं मनोहरलाल जी के साथ चलता था। मोदी जी बात सुनकर प्रदेश के पंजाबियो के गढ़ गुड़गाँव में पंजाबी समाज का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा था। लेकिन प्रदेश की जनता और पंजाबी समाज को क्या मालूम था कि दोस्ती के क़सीदे पढ़ रहे मोदी के मन में क्या चल रहा है, लोकसभा चुनाव में भाजपा की ख़राब हालत और कार्यक्रम में ख़ाली पड़ी कुर्सिया मोदी जी को दिख रही थी जिसको कोई समझ नहीं पाया। हरियाणा में दो बार सत्ता और लोकसभा की दस सीट दिलवाने वाले मनोहरलाल खट्टर को 24 घंटों में पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया गया।
इस घटनाक्रम से पंजाबी समाज जो दस वर्षों से भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है सकते में आ गया है। पंजाबी समाज के बीजेपी के उन नेताओ की हालत जो छोटी सी बात को इवेंट बना देते थे। आज नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने पर मौन है। जहां सैनी समाज के लोग इस बदलाव पर ढोल नगाड़े बजा कर ख़ुशिया मनाने में मस्त थे वही पंजाबी समाज के भाजपा नेता नए मुख्यमंत्री को बधाई तक नहीं दे पाय।पंजाबी समाज की इस खामोशी से नज़र आ रहा है कि यह दबी हुईं चुप्पी तूफान बन सकती है।
यहाँ तक कि अन्य राजनीतिक पार्टियो के पंजाबी नेता जो कल तक मनोहरलाल खट्टर का विरोध किया करते थे उनके हटने से खफा नज़र आ रहे है। वही पंजाबी समाज का आम आदमी जिसने बीजेपी का साथ देकर केंद्र व प्रदेश में सत्ता देने में अहम भूमिका निभाई भाजपा और मोदी जी के इस निर्णय से काफ़ी खफा है। सभी के मन में एक ही बात है लोकसभा चुनाव मोदी जी के फेस पर लड़ा जाना है तो पंजाबी समाज के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की बलि क्यों ली गई। ऐसा क्या गुनाह किया जो पंजाबी समाज के एक बुजुर्ग़ मुख्यमन्त्री को विधानसभा चुनाव से चंद दिनों पहले हटा कर अपमानित किया गया। यह कहना है दबी ज़ुबान से मौन पंजाबी समाज का जिसने बीजेपी को सत्ता के शीर्ष तक पहुचाने का काम किया बीजेपी की यह चोट पंजाबी समाज के अंदर तक घाव कर गई है जिसका इलाज शायद मनोहरलाल खट्टर की दबी व भावुक आवाज़ भी नहीं कर पाएगी। आज पंजाबी समाज के साथ अन्य समाज के लोगो को भी मालूम हो गया है कि सत्ता के लिए दोस्त की बलि कैसे ले ली जाती है जैसे हरियाणा में जेजेपी को साडे चार वर्ष साथ लेने के बाद उसके घर पर ही कब्जा कर लिया और कैसे पंजाबी समाज के ऐसे मनोहरलाल खट्टर को हटा कर जिसने 10 साल तक अपने दामन पर एक भी दाग न लगने दिया। क्या यह तरीक़ा है समाज के बुजुर्ग की विदाई का। इस निर्णय का बीजेपी को लोकसभा चुनाव में क्या फ़ायदा होगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही सामने आएगा लेकिन बीजेपी के इस निर्णय से पंजाबी समाज का एक ही कहना है कि मोदी जी ने गोद का छोड़ कर पेट की परवाह की है। अब लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी हरियाणा में क्या जादू करेंगे आने वाले दिनों में सामने आ जाएगा।