दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का एसएसजे आॅडिटोरियम में हुआ भव्य आयोजन

–दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का एसएसजे आॅडिटोरियम में हुआ भव्य आयोजन

अल्मोड़ा। स्वामी विवेकानंद के अमेरिका शिकागो धर्म सभा से मातृभूमि लौटने के उपरांत अल्मोड़ा आगमन एवं रामकृष्ण मिशन की स्थापना के 125 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोबन सिंह जीना विवि के शिक्षा संकाय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

मंगलवार को एसएसजे विवि के आॅडिटोरियम में नारी सशक्तिकरण एवं युवाओं के संदर्भ में स्वामी विवेकानंद का वैश्विक संदेश विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व सनातनी संस्कृति की जो अल्प आयु में अलख जगाईं वह अविस्मरणीय है। कहा कि स्वामी जी ने ना केवल जन जागृति लाने का काम किया, बल्कि पूरे विश्व को हमारी पुरातनी संस्कृति सर्वधर्म संभाव एवं धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया।

मुख्य अतिथि स्वामी निखिलेश्वरानंद महाराज ने स्वामी जी के जीवन परिचय एवं उनके शिकागो यात्रा के प्रसंग एवं भारत लौटने के बारे में चर्चा की। स्वामी निखिलेश्वरानंद ने कहा कि किसी भी देश को आगे बढ़ाने के लिए नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में नारी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने शिकागो धर्म सभा में अद्वितीय एवं ओजस्वी भाषण दिया। उन्होंने बताया कि स्वामी जी के भाषण से पूरे देश में एक नई जन जागृति आई। संपूर्ण विश्व में शिव ज्ञान से विश्व ज्ञान की अवधारणा दी। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के संदेश को युवाओं और नारियों में पहुॅचाने के उद्देश्य से दो दिवसीय सेमिनार आयोजित की जा रही है।

शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने सेमिनार की रूपरेखा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। साथ ही सभी आगुंतक अतिथियों का स्वागत किया। प्रो मनराल ने कहा कि वर्तमान युग में युवा शिक्षा तो ले रहे है परंतु शिक्षा को व्यवहारिक रूप में ग्रहण नहीं कर पा रहे है। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। आज समाज में विवेकानंद की शिक्षा और दर्शन को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं के लिए संगोष्ठी को एक पथ प्रदर्शक कदम बताया।

वहीं, एसएसजे परिसर निदेशक प्रो प्रवीण बिष्ट, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी एवं पद्मश्री डाॅ ललित पांडे ने भी स्वामी जी के मातृभूमि के प्रति प्रेम तथा उनके भारत के भविष्य के प्रति सोच के विषय पर विस्तार सहित प्रकाश डाला। सभी वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद जी के वसुधैव कुटुंबकम की भावना को अंतरराष्ट्रीय पटल पर रखे जाने एवं भारत लौटकर रामकृषण मिशन की स्थापना के बारे में बताया। इससे पूर्व विवेकानंद इंटर काॅलेज के छात्रों की ओर से मनमोहक बैंड धुन बजाकर अतिथियों को स्वागत किया। शुभारंभ के अवसर पर विवि का कुलगीत गाकर कार्यक्रम की शुरूआत हुई।