पुलिस विभाग एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद में अक्षय तृतीया के अवसर बाल विवाह की रोकथाम हेतु विशेष जागरूकता कार्यक्रम
कौशिक टंडन ब्यूरो चीफ बरेली न्यूज avp
*पुलिस विभाग एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद में अक्षय तृतीया के अवसर बाल विवाह की रोकथाम हेतु विशेष जागरूकता कार्यक्रम एवं विशेष निगरानी की जाए, जिससे कि जनपद में होने वाले बाल विवाहों को रुकवाया जा सके*
*जनपद के समस्त नागरिकों से अपील की है कि ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर हो रहे बाल विवाहों की सूचना देने का कष्ट करें, जिससे कि ससमय बाल विवाहों जैसी कुप्रथा को रुकवाया जा सके*
बरेली, 19 अप्रैल। ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर महिला कल्याण विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में अवगत कराना है कि प्रायः देखा जाता है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर समाज में व्याप्त कुरीतियों के आधार पर वर्तमान में भी बाल विवाह होने की सूचनायें प्राप्त हो रही हैं, जिनकी रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 बनाया गया है।
निदेशालय महिला कल्याण विभाग एवं जिलाधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर होने वाले संभावित बाल विवाहों पर निगरानी बनाये रखने तथा उन्हें रोकने हेतु जनपद के थानों में नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर-1098, 112-आपात सेवायें, ग्राम प्रधानों, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेंटर, जनपद में संचालित स्वैच्छिक संगठनों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से संपर्क स्थापित कर अपने आस-पास के क्षेत्र में हो रहे बाल विवाहों की सूचना सम्बन्धित अधिकारियों/संस्थाओं को दिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से सम्बन्धित सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जायेगी। साथ ही पुलिस विभाग एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा जनपद में अक्षय तृतीया के अवसर बाल विवाह की रोकथाम हेतु विशेष जागरूकता कार्यक्रम एवं विशेष निगरानी की जाये, जिससे कि जनपद में होने वाले बाल विवाहों को रूकवाया जा सके। इसके उपरान्त यदि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत यदि कोई भी व्यक्ति बाल विवाह कराते हुये दोषी पाया जाता है तो उक्त अधिनियम के तहत 02 वर्ष की सजा एवं एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है, जिसका पालन कड़ाई से कराते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। विवाह हेतु उक्त अधिनियम के तहत लड़के की उम्र 21 वर्ष से कम एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती नीता अहिरवार ने बाल विवाह की रोकथाम हेतु सम्बन्धित स्टेक होल्डरों जैसे- जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, वन स्टाप सेंटर, चाइल्ड लाइन के साथ आज बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में निर्देशित किया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर जनपद में होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम हेतु भरसक प्रयास किये जायें। साथ ही होने वाले बाल विवाहों में संलिप्त पुजारी, टैन्ट, हलवाई एवं अन्य सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जनपद के समस्त नागरिकों से अपील की है कि ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर हो रहे बाल विवाहों की सूचना देने का कष्ट करें, जिससे कि ससमय बाल विवाहों जैसी कुप्रथा को रूकवाया जा सके।
बैठक में संरक्षण अधिकारी संध्या जयसवाल, शौरभ सिंह, महिला कल्याण अधिकारी सोनम शर्मा, काउंसलर रसना गुप्ता सहित आदि उपस्थित रहे।