बड़े भूभाग में पुनः प्राधिकरण लागू करने का सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण-बिट्टू कर्नाटक
*बड़े भूभाग में पुनः प्राधिकरण लागू करने का सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण-बिट्टू कर्नाटक*
अल्मोड़ा-आज प्रेस को जारी एक बयान में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि विगत दिवस हुई कैबिनेट में सरकार द्वारा उत्तराखंड के बड़े भूभाग में एक बार पुनः जिला विकास प्राधिकरण लागू करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है। सरकार ने प्रमुख सड़कों के किनारे मैदानी क्षेत्र में 100 मीटर एवं पहाड़ में 50 मीटर दूरी तक भवनों के निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की अनिवार्यता लागू कर दी है जो प्रदेश की जनता के साथ सरासर धोखा है।उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी नवंबर 2017 में प्रदेश की भाजपा सरकार ने तुगलकी फरमान से समूचे उत्तराखंड में बिना पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किए प्राधिकरण लागू कर दिया था,जिसका स्थानीय जनता लगातार विरोध कर रही है।अल्मोड़ा में सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय जनता नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी के नेतृत्व में विगत साढ़े 5 वर्ष से लगातार आंदोलनरत है।पिछले वर्षों में प्रदेश के दो मुख्यमंत्रियों द्वारा प्राधिकरण समाप्त करने की घोषणा की गई थी।परंतु सरकार ने इसे स्थगित कर मामले की इतिश्री कर ली। किन्तु बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जिस जन विरोधी प्राधिकरण को समाप्त करने के लिए लगातार साढ़े 5 वर्ष से प्रदेश की जनता आंदोलन कर रही है उसे समाप्त न कर विगत दिवस हुई कैबिनेट में सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में मुख्य सड़कों के किनारे 50 मीटर तक इसे लागू कर जनता की भावनाओं के साथ कुठाराघात किया है ।उन्होंने कहा कि लोग यह आस लगाए थे कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त कर भवन मानचित्र स्वीकृति संबंधित सभी अधिकार नगरपालिका को दिए जाएंगे। परंतु इसके विपरीत सरकार ने मैदानी क्षेत्रों में मुख्य सड़कों के किनारे 100 मीटर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों के किनारे 50 मीटर तक बनने वाले भवनों में मानचित्र स्वीकृत कराने की अनिवार्यता लगा दी है जिससे जनता को बेहद दिक्कतें होंगी साथ ही जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कम से कम अल्मोड़ा जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले जिले में प्राधिकरण को पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए क्योंकि अल्मोड़ा जिला 90% तक बस चुका है। ऐसे में अल्मोड़ा जिले में प्राधिकरण लागू करने का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अल्मोड़ा जिला विगत कई वर्षों से आपदा की मार झेल रहा है। सरकार को चाहिए की सर्वप्रथम वह अल्मोड़ा जिले में सड़कों की दशा को सुधारने का भरसक प्रयास करें।यहां की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की कोशिश करें न कि प्राधिकरण जैसा जनविरोधी काले कानून यहां की जनता पर थोप कर उसका शोषण करें।श्री कर्नाटक ने स्पष्ट शब्दों में प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्पष्ट शासनादेश के तहत इस जनविरोधी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पूरी तरह समाप्त कर जनता को राहत दे।उन्होंने कहा कि यदि सरकार के द्वारा इस जनविरोधी जिला स्तरीय प्राधिकरण को स्पष्ट रूप से पूरी तरह समाप्त कर भवन मानचित्र स्वीकृति संबंधित समस्त अधिकार पूर्व की भांति नगर पालिकाओं को नहीं सौंपा गए तो सरकार एक वृहद जनआंदोलन के लिए तैयार रहें।