लखनऊ में पर्वतीय समाज की ऐतिहासिक शोभा यात्रा के साथ हुआ आगाज
लखनऊ ब्यूरो योगेंद्र दीक्षितNews AVP
लखनऊ में पर्वतीय समाज की ऐतिहासिक शोभा यात्रा के साथ हुआ आगाज
लखनऊ महानगर। दिनांक 14 जनवरी-2023 को महानगर रामलीला मैदान में दस (10) द्विवसीय उत्तराखण्ड का “पौराणिक,ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पर्व उत्तरायणी कौथिंग-2023” (14 से 23 जनवरी तक) का हुआ भव्य आगाज।
उत्तरायणी कौथिंग-2023 लखनऊ की सबसे लम्बी शोभा यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ, जिसमें लखनऊ के कल्याणपुर, ,गोमतीगर,सरोजनीनगर,सीतापुर रोड, तेलीबाग व अन्य क्षेत्रों से आये सांस्कृतिक दलो के साथ प्रातः 12 बजे महानगर रामलीला मैदान से मंे विभिन्न जगहों की झांकी एकत्रित हुई , ततः पष्चात
वहां से तेहरी भोज के पष्चात शोभा यात्रा लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टी एस मनराल ,संयोजक के एन चन्दोला, अध्यक्ष गणेष चन्द जोषी ,महासचिव महेन्द्र सिह रावत ,संरक्षक भवान सिह रावत ,प्रो0 आर सी पंत, एन के उपाध्याय, नन्दन सिह बोरा, उपाध्यक्ष मोहन सिह मोना,सुमन रावत, ने सामुहिक रूप् से हरी झंडी दिखाकर प्रारम्भ किया, जसमें सबसे आगे भगवान बागनाथ जी मन्दिर ज्योति का कलंष जो कि उत्तराखण्ड से लायी गयी है उसके बाद ,महंत दिव्यागिरि का रथ, पुरूहितों का रथ , उत्तराखण्ड का प्रसिद्व छोलिया दल, सैनिको का रथ ,उसके बाद श्री राम दरबार की झांकी जोकि तेलीबाग रामलीला समिमि द्वारा तैयार किया गया है , गढवाल की पारंम्परिक वेष भूषा की झांकी, कुमाऊ की वेषभूषा की झांकी, उत्तराखंड की शौका संस्कृति झांकी, कल्याणपुर का दल, जोहार संस्कृति का दल इसी क्रम में ,नन्दा राजजात यात्रा की झांकी ,, सहित पूरे लखनऊ से विभिन्न क्षेत्रो के गणमान्यजन व जनसमुदाय के साथ गोल मार्केट चैराहा होते हुए निषातगंज, बादषाहनगर ,खाटूष्याम मन्दिर होते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुॅची शोभा यात्रा को स्थल तक पहुॅचने में 4 घंटें का समय लगा, यह जानकारी मीडिया प्रभारी हेमंत सिह गडिया ने दी।
शोभा यात्रा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद पुरोहितो द्वारा मंत्रोचारण के बीच यात्रा का स्वागत मनकामोष्वर महादेव मन्दिर की महंत दिव्या गिरि ने किया।
धार्मिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पं0 नारायण दत्त पाठक ने उत्तराखण्ड के आये भगवान बागनाथ की ज्योति कों कार्यक्रम स्थल मंच पर विधि विधान मंत्रोचारण के साथ स्थापित किया गया। इस अवसर पर उन्होने बताया कि बागेष्वर नामक स्थान पर जब षिव के प्रिय गण चन्द्रीष ने स्वयंभू षिव लिंग की जब प्रतिष्ठा की उस समय समस्त देवी देवताओं ने आकाष से प्रसन्नता की समस्त देवी देवताओं द्वारा प्रसन्नसा के कारण ब्रह्माजी ने उस षिव लिंग को बागीष्वर के रूप में विख्यात होने का वरदान दिया था कालान्तर में यह बागेष्वर रूप में जाना जाता है।
सांयकालीन सत्र – का उद्वघाटन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री बृजेष पाठक ने दीप प्रज्वालित कर किया, अतिथि का स्वागत मुख्य संयोजक टी एस मनराल ,संयोजक के एन चन्दोला, अध्यक्ष गणेष चन्द जोषी व महासचिव महेन्द्र सिह रावत ने पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिन्ह देकर किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम …
उत्तराखण्ड से आये ओ हो रंेडियों के आरजे काव्य जो कि उत्तराखण्ड व दंेष पहला उत्तराखण्डी गीतो का आनलाइ डिजिटल रेडियो चैनेल है जो कि देष विदेष में अपनी अलग पहचान बनाये हुऐ है आर जे काव्य ने अपनी गुन्जायमान स्वर से उत्तरायणी कौथिंग-में आये दर्षकों का खूब मनोरंजन किया।
वही दिल्ली आये चंदन दल के मेहमान वादययंत्र के कलाकारों ने उत्तराखण्डी गीतों पर अपनी शानदार प्रस्तुतिया दी।
पर्वतीय महापरिषद के कलाकारों सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
प्रथम दिवस के कार्यक्रम में जबरदस्त भी़ड़ उमड पडी जिससे लगता है कि लोग उत्तरायणी कौथिग का बेसबरी से इन्तजार था, पूरे कार्यक्रम के मैदान में चारों ओर सी सी टीवी कैमरे से लैस किया गया है पूरे परिरक्षा व्यवस्था पूरे परिसर में है स्टाल्स कमेंटी ने सारे स्टालों की आईडी आने वाले दर्षकों को कार्यक्रम स्थल से आने- जाने हेतु 4-5 प्रूफ अन्य जानकारी पहले से अपने पास रखी है।
स्टाल प्रभारी रविन्द सिह व सह प्रभारी गोपाल सिह गौलाकोटी ने बताया कि कौथिग में विभिन्न खाद्यय पदार्थो के स्टालस जैसे उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्व बाल मिठाई,बुरास,संतरे,माल्टे का जूस के अलावा मडुवे का आटा, गहत दाल जोकि कई बिमारियों का रामबाण दवा है झवरा ,सोयाबीन,काले भटट,तोर,राई की दाल,जखिया,नीबू,मूली,गडेरी,पहाडी नमक, आटे के बिस्कुटस, दांलें तांबे ,पीतल के वर्तन, जडी-बुटी, ड्राई फूटस कष्मीरी चाय,अमेकिन भुटटा के अलावा ऊनी कपडोंके स्टालस,हस्त षिल्प,अचार,पापड सहित कई वस्तुएं कौथिंग में उपलब्ध है।ं।
इस अवसर पर महापरिषद के कई वरिष्ठ पदाधिकारी संरक्षक डां. आर सी पंत, ,एन के उपाध्याय,,डी.डी नरियाल,उपाध्यक्ष के .एन चन्दोला,मोहन सिह बिष्ट मोना,एस सी चन्दोला ,सचिव के.एन पाण्डेय,हेमन्त सिह गड़िया, गोविन्द पाठक, गंगा भटट, सुमन रावत ,सुमन मनराल, मंन्जु शर्मा के एन पाठक,षंकर पाण्डेय, एच सी ओली, डा0 भीम सिह नेगी,पुष्कर नयाल,महेन्द्र पंत, गणेष जोषी, राजेष भटट, ,आनन्द सिह भण्डारी,ख्याली सिह कडाकोटी, गोविन्द बोरा, भुवन पाण्डेय, हरीष काण्डपाल,जे के उपाध्याय, पुष्कर नयाल,षंकर पाण्डेय,जितेन्द्र उपाध्याय, बसंत भटट, सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।