सरकारी कार्मिकों के लंबित मामलों का निस्तारण करे सरकार-कर्नाटक

*सरकारी कार्मिकों के लंबित मामलों का निस्तारण करे सरकार-कर्नाटक*

अल्मोड़ा-आज प्रैस को जारी एक बयान में पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि सरकार कार्मिकों की समस्याओं व लंबित मामलों का शीघ्र निराकरण करे।यहां अल्मोड़ा में जारी एक बयान में पूर्व दर्जामंत्री श्री कर्नाटक ने कहा कि सरकार द्वारा शिथिलीकरण का शासनादेश निर्गत नहीं किया जा रहा है इससे हजारों पदोन्नतियां प्रभावित हो रही है।शिथिलीकरण में सम्पूर्ण सेवाकाल में एक बार अर्हकारी सेवा में छूट देने का प्राविधान है।इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा खुद बनाये गये स्थानांतरण एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है। कार्मिकों को उनके विकल्प के आधार पर स्थान आबंटित नहीं किए गए हैं और मृत आश्रितों को भी शिक्षा विभाग में उनके विकल्प के आधार पर तैनाती नहीं दी जा रही है।सुगम स्थानों पर नई तैनाती नहीं होने से वहां कार्यरत कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ रहा है।सूचना का अधिकार, सेवा के अधिकार का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ाया जा रहा है किन्तु राज्य सरकार ने केवल आयोग बनाने के अतिरिक्त एक पद का भी किसी भी जिले में सृजन नहीं किया है।इससे विभाग के दैनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।राज्य सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अधिकांश पदों को समाप्त कर दिया गया है जिससे कार्यालयों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अधिकारी,कार्मिकों द्वारा ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का भी काम किया जा रहा है।अधिकांश राजकीय इंटर कालेज,हाईस्कूल,जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं।उन पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया, फलस्वरूप नौनिहालों के साथ हो रहा खिलवाड़ लगातार जारी है। सभी विभागों के संगठनों के साथ भी नियमित वार्ता करनी चाहिए ताकि संगठन की समस्याओं का भी निस्तारण हो सके।राज्य सूचना आयोग का कुमाऊं मण्डल स्तरीय कार्यालय नैनीताल या अल्मोड़ा में खुलना चाहिए ताकि कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से देहरादून के चक्कर न लगाना पड़े।उत्तराखंड में शिक्षा ग्रहण के बाद छात्र छात्राओं को उचित मार्गदर्शन हेतु प्रत्येक जिले में कैरियर काउंसिलिंग की भी स्थापना होनी आवश्यक है।जिससे वे भी उचित दिशा में बढ़ सकें।विद्यालयों में वर्तमान विषयों के साथ -साथ रोजगार शिक्षा व कानूनी शिक्षा भी दिए जाने की आवश्यकता है। श्री कर्नाटक ने सरकार से इन जनहित के गंभीर मुद्दों पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है।